कुर्मी आंदोलन को कोलकाता हाईकोर्ट ने बताया अवैध और असंवैधानिक,लगाई रोक,रेल ने ड्रोन से…!

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जमशेदपुर :कुर्मी को आदिवासी में शामिल करने की मांग को लेकर कुड़मी समुदाय ने 20 सितंबर को तीन राज्यों में अनिश्चितकालीन रेल रोको का बृहद आंदोलन करने का ऐलान किया है और इस बार आर पार की लड़ाई लड़ने के मूड में है। इसके लिए पिछले कई दिनों से अंदरूनी तौर पर जोरदार तैयारी चल रही है। वहीं दूसरी ओर बार-बार बंद होने से होते नुकसान और यात्रियों को होने वाले परेशानी के मद्देनजर‌ इस बार आंदोलनकारियों से सख्ती से निपटने की तैयारी कर चुका है। वहीं एक खास खबर और आ रही है कि कोलकाता हाईकोर्ट ने कुड़मी आंदोलन को लेकर बड़ा आदेश दिया है। कोलकाता हाईकोर्ट ने कुड़मी आंदोलन पर रोक लगा दी है।कोलकाता हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस टीएस शिवननम और न्यायमूर्ति हीरामय भट्टाचार्य के एक डिवीजन बेंच ने आज कहा कि 20 सितंबर से बुलाया गया आंदोलन अवैध एवं और असंवैधानिक है। समाज के लोगों को कोई अधिकार नहीं कि वह रेलवे और रोडवेज को ब्लॉक कर न केवल बंगाल बल्कि पड़ोसी राज्य के लोगों को परेशान करें उन्हें अनिश्चितकालीन आंदोलन बुलाकर निर्दोष लोगों को परेशान करने की इजाजत नहीं दी जा सकती।

जबकि दूसरी ओर खबरों के मुताबिक दक्षिण पूर्व रेलवे और रांची रेलमंडल में अलर्ट जारी कर दिया गया है। बंद समर्थकों से इस बार कड़ाई से निपटने की तैयारी है।रेल रोको आंदोलन के समर्थकों से निपटने के लिए आंदोलन की चिंह्रित जगहों में चक्रधरपुर मंडल से 40 आरपीएफ के जवान सहित 100 से ज्यादा आरपीएफ का स्पेशल फोर्स की तैनाती की जाएगी। आंदोलन प्रभावित क्षेत्रों में ड्रोन से निगरानी होगी।

आंदोलनकारियों का वीडियो फुटेज भी तैयार किया जाएगा। यदि उनके आंदोलन से ट्रेन सेवा प्रभावित होती है, तो उनके खिलाफ वीडियो-फोटोग्राफ के माध्यम से रेलवे एक्ट के तहत मामला दर्ज किया जाएगा। रांची रेलमंडल के प्रभारी आरपीएफ कंमाडेंट पवन कुमार ने कहा कि आरपीएफ को मुस्तैद रहने को कहा गया है। आंदोलन समर्थकों को भी कहा गया है कि आपकी मांग स्टेट का मुद्दा है, ट्रेनें प्रभावित न करें। सीनियर डीसीएम निशांत कुमार ने कहा कि आंदोलनकारी ट्रेनें के परिचालन प्रभावित न करे। देश को काफी नुकसान होता है और रोज कमाने खाने वालों को दिक्कत होती है।

वहीं खेमाशुली में आंदोलनकारी समर्थक तंबू लगाने पहुंचे थे। जिन्हें रेल प्रशासन और पुलिस ने खदेड़ दिया।

बता दें कि कुड़मी-कुर्मी महतो को जनजाति सूची में शामिल करने व कुड़माली भाषा को संविधान की आठवीं अनुसूची में शामिल करने को लेकर 20 सितंबर को झारखंड के चार स्टेशनों पर अनिश्चितकालीन रेल रोको आंदेालन का ऐलान किया है।

सोमवार को रांची में हुई प्रेसवार्ता में टोटेमिक कुड़मी विकास मोर्चा के अध्यक्ष शीतल ओहदार ने कही। उन्होंने बताया कि झारखंड के मुरी, गोमो, नीमडीह व घाघरा रेलवे स्टेशन में आंदोलन होगा।

इसके अलावा पश्चिम बंगाल के खेमासुली, कुस्तौर के अलावा ओड़िसा के हरिचंदनपुर, जराईकेला रेलवे स्टेशन व धनपुर रेलवे स्टेशन जैसे तीन राज्यों में वृहद आंदेालन होगा। जिसमें हजारों की संख्या में कुर्मी समुदाय के लोग शामिल होंगे। सभी अपने पापंरिक वेशभूषा, छऊ नृत्य, नटुवा नाच, घोड़ा नाच, झूमर नाच, ढोल-नगाड़े के साथ शामिल होंगे। उन्होंने कहा कि 18 से 22 सितंबर तक चलने वाली संसद का विशेष सत्र में कुड़मी-महतो को एसटी सूची में शामिल करने के लिए केंद्र सरकार दर्जा दे और सत्र में मांग को उठाए।

शीतल ने कहा कि बहुत सारे दस्तावेज होने के बाद भी कुड़मी को एसटी सूची में शामिल नहीं किया जा रहा है। इसी क्रम में मोर्चा के प्रवक्ता हरमोहन महतो ने भी अपने विचार रखे। मौके पर रामपोदो महतो, सुषमा देवी, दानी महतो, सखिचंद महतो, क्षेत्र मोहन महतो, सोनालाल महतो, अजीत महतो, दीपक चौधरी, रावंती देवी, रबीता देवी, संदीप महतो सहित अन्य शामिल थे।

वहीं खबर है कि कांग्रेस सांसद गीता कोड़ा ने कहा है कि कुर्मी आदिवासियों का हक मारने में लगी है। जबकि झारखंड मुक्ति मोर्चा के वरिष्ठ नेता सुप्रियो भट्टाचार्य ने कहा है कि कुर्मी आंदोलन राजनीतिक मुद्दा नहीं है।

20 सितंबर को रेल रोको आंदोलन की घोषणा कुड़मी समुदाय के लोगों ने की थी।कुड़मी समुदाय चाहती है कि आदिवासी जाति में उनको शामिल किया जाये।

इसको लेकर करीब 172 ट्रेनों को रद्द कर दिया गया था जबकि कई ट्रेनों को डाइवर्ट कर दिया गया था लेकिन अंतिम समय में कोलकाता हाईकोर्ट ने मामले में हस्तक्षेप किया और कहा कि कुड़मी समुदाय चाहे तो इसको लेकर अपनी आवाज संस्थागत स्थानों पर उठा सकती है लेकिन इस तरह का आंदोलन, जिससे आम जनमानस परेशान हो, वह करने की इजाजत नहीं दी जा सकती है इसको लेकर एक याचिका कोलकाता हाईकोर्ट में दायर की गयी थी. करीब तीन बार कुड़मी समुदाय रेल रोक चुकी थी, जिसको लेकर हजारों लोग परेशान होते थे. कोलकाता हाईकोर्ट के आदेश के बाद जितने भी ट्रेनों को रद्द या डाइवर्ट या शार्ट टर्मिनेट करने की अधिसूचना को रेलवे ने वापस ले ली है. सारी ट्रेनें अब सामान्य तरीके से ही चलेगी. इसको लेकर अधिसूचना जारी कर दी गयी है. दूसरी ओर, हाईकोर्ट के आदेश के बाद कुड़मी आंदोलन को स्थगित कर दिया गया है।

बहरहाल बुधवार को आंदोलन समर्थकों पुलिस प्रशासन के बीच तनातनी रहने की जोरदार संभावना है। कुर्मी किसी भी हालत में आंदोलन सफल बनाना चाहेंगे जबकि रेल प्रशासन इसे रोकने के लिए पूरी तरह मुस्तैद नजर आ रहा है।