मजदूर दिवस:इंटक प्रदेश अध्यक्ष राकेश्वर पांडे के नेतृत्व में विशाल रैली सभा,मजदूरों को कराया एकजुटता का एहसास
रैली आदित्यपुर ब्रिज से प्रारंभ होकर टाटा मोटर्स यूनियन में सभा के साथ समाप्त हुई
रैली के मार्ग में जगह जगह पानी की व्यवस्था की गई थी। मोटरसाइकिल रैली आदित्यपुर ब्रिज से प्रारंभ होकर लेबर ब्यूरो स्थित टाटा मोटर्स वर्कर्स यूनियन में सभा के उपरांत समाप्त हुई। मजदूरों की सभा को संबोधित करते हुए अध्यक्ष श्री राकेश्वर पाण्डेय ने कहा की आप सभी मजदूर साथियों ने हजारो की संख्या में इस भारी गर्मी में जिस जोश खरोश के साथ रैली में शामिल हुए काबिले तारीफ है, आपका शामिल होना मजदूरों के अपने अधिकारों के प्रति आपकी सजगता एवं प्रतिबद्धता को दर्शाता है। जैसा की आप जानते है 1 मई को मजदूरों और श्रमिकों को सम्मान देने के उद्देश्य से हर साल दुनियाभर में मजदूर दिवस मनाया जाता है. श्रमिकों के सम्मान के साथ ही मजदूरों के अधिकारों के लिए आवाज उठाने के उद्देश्य से भी इस दिन को मनाते हैं, ताकि मजदूरों की स्थिति समाज में मजबूत हो सके ,मजदूरों और श्रमिकों की उपलब्धियों का सम्मान करने और उन्हें अपने अधिकारों के प्रति जागरूक करने के लिए दुनियाभर में हर साल 1 मई को अंतर्राष्ट्रीय श्रम दिवस मनाया जाता है. इसकी उत्पत्ति 19 वीं शताब्दी में संयुक्त राज्य अमेरिका में श्रमिक संघ आंदोलन में हुई जोकि विशेष रूप से आठ घंटे का आंदोलन था.न्यूयॉर्क श्रम दिवस को मान्यता देने वाला बिल पेश करने वाला पहला राज्य था, जबकि ओरेगन 21 फरवरी, 1887 को इस पर एक कानून पारित करने वाला पहला राज्य था. साल 1877 में मजदूरों ने अपने काम के घंटे तय करने की मांग को लेकर एक आंदोलन शुरू किया था. इसके बाद 1886 में पूरे अमेरिका में लाखों मजदूर इस मुद्दे पर एकजुट हो गए और हड़ताल की. इस हड़ताल में लगभग 11 हजार फैक्ट्रियों के 3 लाख 80 हजार मजदूर शामिल हुए.
अंतर्राष्ट्रीय समाजवादी कांग्रेस ने एक महान अंतरराष्ट्रीय प्रदर्शन के लिए एक प्रस्ताव अपनाया जिसमें उन्होंने मांग की कि श्रमिकों से दिन में 8 घंटे से अधिक काम नहीं कराया जाना चाहिए. इसके साथ ही यह भी निर्णय लिया गया कि एक मई को अवकाश घोषित किया जाएगा.
- Advertisement -