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हिंदी व भोजपुरी साहित्यकार अनिरुद्ध त्रिपाठी ‘अशेष’ की पुस्तक, अष्टावक्र गीता : एक मीमांसा,भाग -1 का लोकार्पण

On: May 8, 2024 4:22 AM
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झारखंड प्रदेश के हिंदी व भोजपुरी साहित्य के सशक्त हस्ताक्षर अनिरुद्ध त्रिपाठी ‘अशेष’ की पुस्तक, मानस के आलोक में अष्टावक्र गीता : एक मीमांसा, भाग – एक का भव्य लोकार्पण तुलसी भवन, बिष्टुपुर में संपन्न

जमशेदपुर: झारखंड प्रदेश के हिंदी और भोजपुरी साहित्य के सशक्त हस्ताक्षर अनिरुद्ध त्रिपाठी ‘ अशेष ‘ की पुस्तक मानस के आलोक में अष्टावक्र गीता : एक मीमांसा, भाग एक का भव्य लोकार्पण स्थानीय तुलसी भवन के मानस सभागार में संपन्न हुआ।

लोकार्पण समारोह की अध्यक्षता डॉ जंग बहादुर पाण्डेय, पूर्व हिंदी विभागाध्यक्ष, रांची विश्वविद्यालय ने किया, जबकि सुप्रसिद्ध समाजसेवी शिव शंकर सिंह मुख्य अतिथि रहे ।

इस अवसर पर तुलसी भवन के अध्यक्ष सुभाष चंद्र मुनका, संयोजक डॉ अजय कुमार ओझा, मानद महासचिव तुलसी भवन डॉ. प्रसेनजीत तिवारी व ख्याति प्राप्त मैनेजमेंट गुरु चंदेश्वर खां विशिष्ट अतिथि के तौर पर उपस्थित रहे। मुख्य अतिथि शिवशंकर सिंह ने हिंदी और भोजपुरी साहित्य में पुस्तकों के कम प्रकाशित होने और घटती हुई पाठकों की संख्या पर चिंता व्यक्त किया और इस दिशा में हर संभव प्रयास करने पर बल दिया।

अपने अध्यक्षीय भाषण में डॉ. जंग बहादुर पाण्डेय ने कहा कि श्रीमद् भागवत गीता की तुलना में अष्टावक्र गीता पर अपेक्षाकृत काफी कम कार्य हुआ है जबकि भागवत गीता की तुलना में अष्टावक्र गीता अपेक्षाकृत सहज और सरल है।

महाराजा जनक और महर्षि अष्टावक्र के संवाद पर आधारित इस अद्भुत गीता को श्री रामचरितमानस के आलोक में जन सुलभ व्याख्या के लिए उन्होंने पुस्तक के लेखक अनिरुद्ध त्रिपाठी ‘ अशेष ‘ जी की भूरि भूरि प्रशंसा की। उन्होंने कहा कि अहंकार का अंत करके ही मोक्ष तथा ज्ञान को पाया जा सकता है, यही अष्टावक्र गीता का मूल संदेश है। बाल सुलभ सरलता और अहंकार मुक्त जीवन हमें आध्यात्मिकता के पथ पर अग्रसरित करती है और इससे हमें भगवत प्राप्ति और अंत में मोक्ष प्राप्ति होती है। उन्होंने कई प्रसंगों के माध्यम से अष्टावक्र गीता के महत्व की चर्चा की। कार्यक्रम का संचालन वीणा पाण्डेय ने किया। इस अवसर पर उपस्थित सभी सुधि पाठकों ने ‘अशेष’ जी के इस तपस्या रूपी प्रसाद का सह्रदय प्रशंसा किया और अगले ग्रंथ के प्रकाशन के लिए अग्रिम बधाई दिया।

Satyam Jaiswal

सत्यम जायसवाल एक भारतीय पत्रकार हैं, जो झारखंड राज्य के रांची शहर में स्थित "झारखंड वार्ता" नामक मीडिया कंपनी के मालिक हैं। उनके पास प्रबंधन, सार्वजनिक बोलचाल, और कंटेंट क्रिएशन में लगभक एक दशक का अनुभव है। उन्होंने एपीजे इंस्टीट्यूट ऑफ मास कम्युनिकेशन से शिक्षा प्राप्त की है और विभिन्न कंपनियों के लिए वीडियो प्रोड्यूसर, एडिटर, और डायरेक्टर के रूप में कार्य किया है। जिसके बाद उन्होंने झारखंड वार्ता की शुरुआत की थी। "झारखंड वार्ता" झारखंड राज्य से संबंधित समाचार और जानकारी प्रदान करती है, जो राज्य के नागरिकों के लिए महत्वपूर्ण है।

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