चाईबासा: एंटी करप्शन ब्यूरो (ACB) ने शनिवार को बड़ी कार्रवाई करते हुए भवन निर्माण विभाग के कार्यपालक अभियंता अरुण कुमार सिंह को रिश्वत लेते हुए रंगे हाथ गिरफ्तार कर लिया। एसीबी की इस कार्रवाई से पूरे विभाग में हड़कंप मच गया है।
प्राप्त जानकारी के अनुसार, आरोपी अभियंता अरुण कुमार सिंह भवन निर्माण विभाग में एग्जीक्यूटिव इंजीनियर के पद पर पदस्थापित हैं। मामला नारकोटिक्स विभाग से जुड़े एक भवन निर्माण कार्य से संबंधित है, जिसकी कुल लागत लगभग 55 लाख रुपये बताई जा रही है। इस कार्य के एवज में अब तक करीब 29 लाख रुपये का भुगतान ठेकेदार को किया जा चुका था, जबकि शेष राशि का भुगतान लंबित था।
आरोप है कि शेष बिल के भुगतान के लिए कार्यपालक अभियंता ने ठेकेदार से 2.5 प्रतिशत कमीशन की मांग की थी। यह राशि करीब 70 हजार रुपये बनती थी। रिश्वत की लगातार मांग से परेशान होकर ठेकेदार रितेश चिरानिया ने एसीबी जमशेदपुर कार्यालय में इसकी शिकायत दर्ज कराई।
शिकायत मिलने के बाद एसीबी की टीम ने पूरे मामले का प्राथमिक सत्यापन किया, जिसमें आरोप सही पाए गए। इसके बाद एसीबी ने योजनाबद्ध तरीके से जाल बिछाया। तय रणनीति के अनुसार जैसे ही कार्यपालक अभियंता ने 70 हजार रुपये की रिश्वत की रकम स्वीकार की, एसीबी की टीम ने तत्काल कार्रवाई करते हुए उन्हें मौके पर ही गिरफ्तार कर लिया।
गिरफ्तारी की खबर फैलते ही भवन निर्माण विभाग में अफरा-तफरी का माहौल बन गया। विभागीय अधिकारियों और कर्मचारियों में भारी हलचल देखी गई। बताया जा रहा है कि एसीबी की टीम आरोपी अभियंता से गहन पूछताछ कर रही है और उससे जुड़े अन्य वित्तीय लेन-देन की भी जांच की जा रही है।
एसीबी सूत्रों के अनुसार, इस मामले में अन्य अधिकारियों या कर्मचारियों की संलिप्तता की भी जांच की जा सकती है। जांच के आधार पर आगे और गिरफ्तारियां या खुलासे होने की संभावना से इनकार नहीं किया जा रहा है।
फिलहाल एंटी करप्शन ब्यूरो द्वारा आरोपी कार्यपालक अभियंता के खिलाफ भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत मामला दर्ज करने की प्रक्रिया जारी है। प्रशासनिक हलकों और आम जनता के बीच इस कार्रवाई को भ्रष्टाचार के खिलाफ एक बड़ी सफलता और सख्त संदेश के रूप में देखा जा रहा है।
चाईबासा में ACB की बड़ी कार्रवाई, 70 हजार रुपए घूस लेते हुए कार्यपालक अभियंता गिरफ्तार














