वाॅशिंगटन: अमेरिका की राजधानी वॉशिंगटन डीसी बुधवार दोपहर अचानक गोलियों की तड़तड़ाहट से दहल उठी, जब व्हाइट हाउस से कुछ ही दूरी पर दो वेस्ट वर्जीनिया नेशनल गार्ड सदस्यों पर अज्ञात हमलावर ने ताबड़तोड़ फायरिंग कर दी। घटना के तुरंत बाद पूरे इलाके को लॉकडाउन कर दिया गया और सुरक्षा एजेंसियों को हाई अलर्ट पर रखा गया।
दोनों घायल सैनिकों की अस्पताल में मौत
हमले में गंभीर रूप से घायल दोनों गार्ड्स को अस्पताल ले जाया गया, जहां बाद में उनकी मौत होने की खबर आई। हालांकि अमेरिकी प्रशासन ने आधिकारिक पुष्टि नहीं की है, लेकिन एलन मस्क ने सोशल मीडिया पर दोनों सैनिकों की निर्मम हत्या पर शोक जताते हुए कहा कि हमारी टूटी व्यवस्था को सुधारने के लिए और कितने निर्दोष लोगों की जान जाएगी। उनकी पोस्ट के बाद मौत की आशंका लगभग तय मानी जा रही है।
मेट्रो स्टेशन के पास अचानक फायरिंग
फायरिंग उस वक्त हुई जब नेशनल गार्ड के सदस्य एक मेट्रो स्टेशन के बाहर सुरक्षा तैनाती पर थे। चश्मदीदों के अनुसार, हमलावर अचानक एक मोड़ से निकला और बिना चेतावनी के गोली चलाने लगा।
मौके पर मौजूद दूसरे सैनिकों ने तेजी से दौड़कर हमलावर को काबू में कर लिया। डीसी पुलिस के असिस्टेंट चीफ जेफ्री कैरोल ने बताया कि जांच के शुरुआती चरण में यह एकल गनमैन की कारवाई प्रतीत होती है और किसी और संदिग्ध के जुड़ने के संकेत नहीं मिले हैं।
संदिग्ध की पहचान
पुलिस ने हमलावर की पहचान 29 वर्षीय रहमानुल्लाह लकनवाल के रूप में की है, जो कथित तौर पर अफगान नागरिक है और 2021 में अमेरिका आया था। हमले के दौरान उसे भी गोली लगी, लेकिन उसकी हालत स्थिर बताई जा रही है। अभी तक यह स्पष्ट नहीं हो पाया है कि हमलावर को गोली गार्ड ने मारी या पुलिस ने।
घटनास्थल पर अफरातफरी
सोशल मीडिया पर सामने आए वीडियो में देखा जा सकता है कि फर्स्ट-रिस्पॉन्डर्स टूटे कांच और बिखरी वस्तुओं के बीच जमीन पर पड़े एक घायल सैनिक को CPR दे रहे हैं। गोलीबारी के बाद लोग इधर-उधर भागते नजर आए और कुछ ही मिनटों में पूरा इलाका पुलिस, फायर ब्रिगेड और हेलीकॉप्टरों से घिर गया।

ट्रंप ने अतिरिक्त 500 सैनिक भेजे
वॉशिंगटन में पहले से बड़ी संख्या में नेशनल गार्ड तैनात हैं, लेकिन घटना के बाद राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने तुरंत 500 और जवानों को डीसी भेजने का आदेश दिया।
रक्षा मंत्री पीट हेगसेथ ने पुष्टि की कि यह निर्णय सीधे राष्ट्रपति के निर्देश पर लिया गया है। फिलहाल राजधानी में संयुक्त टास्क फोर्स के तहत करीब 2200 सैनिक तैनात हैं।
ट्रंप और उपराष्ट्रपति वेंस की कड़ी प्रतिक्रिया
फ्लोरिडा से प्रतिक्रिया देते हुए ट्रंप ने हमलावर को “जानवर” करार दिया और कहा कि “उसे इसकी बहुत बड़ी कीमत चुकानी पड़ेगी।”
उपराष्ट्रपति जे.डी. वेंस ने भी सैनिकों की सुरक्षा को लेकर चिंता जताते हुए कहा कि यह घटना याद दिलाती है कि “हमारे सैनिक इस देश की पहली ढाल हैं।”
तैनाती पर कानूनी लड़ाई के बीच बड़ा हमला
यह हमला ऐसे समय हुआ है जब राजधानी में नेशनल गार्ड की तैनाती को लेकर पहले से कोर्ट में विवाद चल रहा है। पिछले सप्ताह एक संघीय जज ने तैनाती खत्म करने का आदेश दिया था, लेकिन प्रशासन को अपील करने के लिए 21 दिन की मोहलत दी गई थी। ऐसे में इस हमले ने सुरक्षा और कानूनी स्थिति को और जटिल बना दिया है।













