Taipo Fire: हांगकांग के ताई पो जिले में बुधवार को गगनचुंबी इमारतों में लगी भयावह आग ने शहर को हिला कर रख दिया। कई दशकों में सबसे खतरनाक मानी जा रही इस घटना में अब तक कम से कम 44 लोगों की मौत हो चुकी है और 279 लोग लापता बताए जा रहे हैं। दर्जनों घायलों का इलाज विभिन्न अस्पतालों में चल रहा है।
32-मंजिला इमारत के मचान से शुरू हुई आग, 7 टावरों तक पहुंची
यह भीषण आग एक 32-मंजिला हाउसिंग कॉम्प्लेक्स की बाहरी मचान पर लगी, जहां बड़े पैमाने पर रेनोवेशन का काम चल रहा था। आग इतनी तेजी से फैली कि कुछ ही घंटों में कॉम्प्लेक्स के 8 में से 7 टावरों को अपनी चपेट में ले लिया।
अधिकारियों ने शुरुआती जांच में आशंका जताई है कि बांस की मचान, ज्वलनशील फोम शीट्स और तेज हवाएं आग के तेजी से फैलने का मुख्य कारण हो सकती हैं। कई मंजिलों की खिड़कियों से धुआं और लपटें बाहर निकलती दिखीं, जबकि रेस्क्यू टीमों को फंसे हुए लोगों तक पहुंचने में बेहद मुश्किलों का सामना करना पड़ा।
900 से अधिक लोग शेल्टर में, कई लोग रात भर फंसे रहे
गुरुवार सुबह तक आग पूरी तरह बुझ नहीं पाई थी। कॉम्प्लेक्स के अंदर तापमान बेहद खतरनाक स्तर तक पहुंच गया था, जिसके चलते रेस्क्यू ऑपरेशन में बाधा आई। फायर डिपार्टमेंट के अनुसार 900 से ज्यादा लोगों को अस्थायी शेल्टरों में स्थानांतरित किया गया है। 29 लोग अब भी अस्पतालों में भर्ती हैं। हादसे में एक 37 वर्षीय फायरफाइटर की भी मौत हो गई है। एक अन्य गंभीर रूप से हीट एक्स़ॉशन का शिकार हुआ है।
रेनोवेशन में लापरवाही की आशंका
1980 के दशक में बने इस विशाल कॉम्प्लेक्स में करीब 4,800 लोग रहते थे। आग लगने के समय यहां बड़े पैमाने पर मरम्मत और संरचनात्मक सुधार का काम चल रहा था। कई विशेषज्ञों ने सवाल उठाया है कि क्या रेनोवेशन के दौरान सुरक्षा मानकों का सही ढंग से पालन किया गया था।
इसी बीच, पुलिस ने हत्या के शक में तीन लोगों को गिरफ्तार किया है। जांच एजेंसियां पता लगा रही हैं कि कहीं आग में इस्तेमाल सामग्री सुरक्षा मानकों पर खरी नहीं उतरी हो।
चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग (Xi Jinping) ने भी घटना पर संवेदना व्यक्त करते हुए स्थानीय अधिकारियों से अपील की कि वे हर संभव प्रयास कर और अधिक जानमाल के नुकसान को रोकें।










