Masood Azhar: आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद के सरगना मसूद अजहर से जुड़ा एक पुराना लेकिन सनसनीखेज खुलासा एक बार फिर चर्चा में है। सोशल मीडिया पर वायरल हो रही एक ऑडियो क्लिप में अजहर ने भारत की जेल में बिताए अपने दिनों को याद करते हुए कई चौंकाने वाले दावे किए हैं। इस ऑडियो में उसने पहली बार स्वीकार किया है कि जम्मू की कुख्यात कोट भलवाल जेल से भागने की उसकी योजना पूरी तरह विफल हो गई थी, जिसकी उसे भारी सजा भी भुगतनी पड़ी। इस खुलासे के साथ मसूद अजहर पहली बार फूट-फूटकर रोता सुना गया।
सुरंग बनाकर फरार होने की साजिश नाकाम
ऑडियो क्लिप के मुताबिक, मसूद अजहर ने 1994 से 1999 के बीच जेल में रहते हुए अपने कुछ साथियों के साथ मिलकर भागने की योजना बनाई थी। इसके तहत जेल के भीतर एक सुरंग खोदी गई थी। अजहर का दावा है कि भागने के लिए जिस दिन को तय किया गया था, ठीक उसी दिन जेल प्रशासन को इस सुरंग की भनक लग गई और पूरी साजिश बेनकाब हो गई।
पकड़े जाने के बाद बेरहमी से पिटाई का दावा
अजहर ने ऑडियो में कहा कि सुरंग पकड़े जाने के बाद उसे और उसके साथियों को बुरी तरह पीटा गया। उसके मुताबिक, लोहे की सलाखों और डंडों से मारपीट की गई, जिससे शरीर खून से लथपथ हो गया। उसने यह भी दावा किया कि उसके कई साथी गंभीर रूप से घायल हो गए थे। अजहर के अनुसार, उस दौरान खाने-पीने तक पर रोक लगा दी गई और यहां तक कि शौच जैसी बुनियादी जरूरतों पर भी पाबंदी लगा दी गई थी।
पूछताछ में जंजीरों से बांधने का आरोप
ऑडियो में अजहर ने यह भी कहा कि अगले दिन उससे सुरंग खोदने के तरीके, इस्तेमाल किए गए औजारों और मदद करने वालों को लेकर कड़ी पूछताछ की गई। उसने आरोप लगाया कि पूछताछ करने वाला अधिकारी बेहद सख्त था, जिसने उसे जंजीरों से बांधकर घंटों पूछताछ की और अपशब्दों का इस्तेमाल किया।
फर्जी पहचान के साथ भारत में दाखिल हुआ था अजहर
गौरतलब है कि मसूद अजहर 1994 में फर्जी पहचान के जरिए भारत में दाखिल हुआ था। सुरक्षा एजेंसियों ने उसे जल्द ही जम्मू-कश्मीर के अनंतनाग से आतंकवादी गतिविधियों में संलिप्तता के आरोप में गिरफ्तार कर लिया था। इसके बाद वह लगभग पांच वर्षों तक भारतीय जेल में बंद रहा, लेकिन तमाम कोशिशों के बावजूद कभी भी फरार नहीं हो सका।
IC-814 हाईजैक के बाद मिली रिहाई
मसूद अजहर की रिहाई 24 दिसंबर 1999 को हुई, जब उसके भाई और अन्य आतंकवादियों ने काठमांडू से दिल्ली आ रही इंडियन एयरलाइंस की फ्लाइट IC-814 का अपहरण कर लिया। विमान को अफगानिस्तान के कंधार ले जाया गया, जहां उस समय तालिबान का नियंत्रण था। यात्रियों की जान बचाने के लिए भारत सरकार को मजबूरी में तीन आतंकवादियों को रिहा करना पड़ा, जिनमें मसूद अजहर भी शामिल था।
पाकिस्तान जाकर बनाया जैश-ए-मोहम्मद
जेल से रिहा होते ही मसूद अजहर पाकिस्तान भाग गया और वहां उसने आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद की स्थापना की। इसके बाद भारत में संसद हमला, पठानकोट, उरी और पुलवामा जैसे कई बड़े आतंकवादी हमलों में इस संगठन की भूमिका सामने आई। भारतीय और अंतरराष्ट्रीय एजेंसियां लंबे समय से अजहर को वैश्विक आतंकवादी मानती हैं।
‘भारत की जेल में मुझे बहुत मारा गया, लोहे की राॅड से…’ मसूद अजहर का छलका दर्द, वायरल ऑडियो में फूट-फूटकर रोया आतंकी सरगना













