ट्रेड यूनियनों और संयुक्त किसान मोर्चा की बैठक संपन्न, 16 फरवरी के देशव्यापी बंद को झारखंड में सफल बनाए जाने की बनी रणनीति
रांची:- केंद्रीय ट्रेड यूनियनों के संयुक्त मंच और संयुक्त किसान मोर्चा की एक बैठक एटक कार्यालय में की गई. बैठक में केंद्र सरकार की मजदूर – किसान विरोधी, जन विरोधी और राष्ट्र विरोधी नीतियों के खिलाफ महाव्यापी अभियान चलाकर 16 फरवरी को देशव्यापी ग्रामीण बंद और औधोगिक हड़ताल के आह्वान को झारखंड में सफल बनाए जाने का निर्णय लिया गया. संयुक्त बैठक में यह बात भी सामने आई कि मजदूर वर्ग के तीखे तेवर के कारण अभी देश में मजदूरों को गुलाम बनाने वाला 4 लेबर कोड लागू नहीं हुआ है, लेकिन झारखंड के औधोगिक क्षेत्रों में अवस्थित निजी कल – कारखानों में नियोजकों द्वारा 8 घंटे के बजाए 12 घंटे काम लिया जा रहा है. जिसके चलते तीन सिफ्ट के बजाए दो सिफ्टों में ही काम निपटाने की प्रणाली शुरू कर दी गई है लेकिन राज्य का श्रम विभाग कानों में तेल डालकर बैठा हुआ है. ट्रेड युनियनो ने मजदूरों के इस निर्मम शोषण के खिलाफ आंदोलन किए जाने की घोषणा की है. बैठक में पिछले दिनों मजदूरों – किसानों के 21 सूत्री मांग-पत्र पर आयोजित सफल देशव्यापी महापड़ाव के बाद 16 फरवरी को अखिल भारतीय स्तर पर होने वाले संयुक्त जुझारू जन कार्रवाई के कार्यक्रम को झारखंड में लागू किए जाने की एक कार्ययोजना तय की गई. जिसके क्रम में 23 जनवरी नेता जी सुभाष चंद्र बोस के जन्म दिवस को साम्राज्यवाद विरोधी दिवस के रूप में मनाने, 25 जनवरी को जन नेता कर्पूरी ठाकुर की जन्म शताब्दी के मौके पर सामाजिक न्याय दिवस आयोजित करने, 26 जनवरी गणतंत्र दिवस के अवसर पर सभी कार्य स्थलों पर राष्ट्रीय झंडा फहरा कर संविधान की प्रस्तावना का सामुहिक पाठ करने और दोपहर में संविधान बचाओ मार्च आयोजित करने तथा 30 जनवरी को महात्मा गांधी के शहादत दिवस को सांप्रदायिकता विरोधी दिवस के रूप में आयोजित किए जाने का फैसला लिया गया.
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