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गुमला: उपायुक्त प्रेरणा दीक्षित के निर्देशानुसार सोमवार को समाहरणालय सभाकक्ष में उप विकास आयुक्त दिलेश्वर महतो की अध्यक्षता में जिला शिक्षा विभाग की मासिक समीक्षा बैठक आयोजित की गई। इस बैठक में जिला शिक्षा पदाधिकारी कविता खलखो, जिला शिक्षा अधीक्षक नूर आलम खां सहित सभी प्रखंडों के शिक्षा पदाधिकारी एवं संबंधित विभागीय अधिकारी उपस्थित रहे।

बैठक में विद्यालयों में पाठ्यपुस्तक, नोटबुक एवं स्कूल बैग वितरण, शैक्षणिक गुणवत्ता, ड्रॉपआउट रोकथाम, यू-डायस डेटा, CPD प्रशिक्षण, ऑनलाइन उपस्थिति, प्रोजेक्ट इंपैक्ट और नवभारत साक्षरता कार्यक्रम जैसे बिंदुओं पर विस्तृत समीक्षा की गई।

डीडीसी ने निर्देश दिया कि सभी विद्यालयों में शैक्षणिक सामग्री वितरण पूर्ण हो, और यदि कहीं अधिशेष सामग्री हो तो उसे जरूरत वाले प्रखंडों में हस्तांतरित किया जाए। साथ ही पिछले वर्ष के मैट्रिक परिणाम के आधार पर गणित, विज्ञान और अंग्रेज़ी जैसे विषयों में सुधार हेतु कार्ययोजना बनाने का निर्देश दिया गया।

उच्च विद्यालयों में शिक्षकों की कमी और प्रतिनियोजन से उत्पन्न समस्याओं पर चिंता व्यक्त करते हुए संबंधित विद्यालयों की सूची शीघ्र उपलब्ध कराने को कहा गया।

कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालयों में नामांकन वृद्धि, ड्रॉपआउट पर रोक, असैनिक निर्माण कार्यों की प्रगति, विद्यालय प्रबंधन समिति के पुनर्गठन, और सीआरपी/बीआरपी की नियमित निगरानी पर भी विशेष चर्चा हुई।

बैठक में पाया गया कि केवल 85% शिक्षक ही ऑनलाइन उपस्थिति दर्ज कर रहे हैं, विशेषकर चैनपुर, डुमरी, जारी प्रखंडों में अनुपालन कम है। डीडीसी ने इस पर स्पष्टीकरण लेने का निर्देश दिया।

नवभारत साक्षरता मिशन की धीमी प्रगति पर कड़ी चेतावनी देते हुए जुलाई माह के अंत तक साक्षरता केंद्रों की स्थिति में सुधार और असाक्षर व्यक्तियों की पहचान सुनिश्चित कराने के निर्देश दिए गए।

प्रोजेक्ट इंपैक्ट के अंतर्गत मासिक रियल टेस्ट की समीक्षा में भी गंभीर खामियां पाई गईं। केवल 10% विद्यालयों ने ही डेटा एंट्री की है। डीडीसी ने एक सप्ताह के भीतर 100% ऑनलाइन मूल्यांकन डेटा अपलोड करने को कहा।

बैठक में क्षेत्रीय शिक्षा अधिकारी, जिला परियोजना कार्यालय अभियंता, क्षेत्र प्रबंधक, सभी बीईओ/बीपीओ एवं विभागीय टीम उपस्थित थी। बैठक का उद्देश्य शिक्षा व्यवस्था को सुदृढ़ बनाना था।