हजारीबाग: इचाक के बरकाखुर्द में मंतातरित हो चुके 20 परिवारों के 100 से अधिक लोग मंगलवार को घर वापसी करेंगे। यह निर्णय रविवार को बरकाखुर्द शिव मंदिर में आयोजित महापंचायत में हुआ है। घर वापसी करने वाले लोग साहिलकलां के ममारक टोला से जुड़े लोगों ने घर वापसी करने की घोषणा की है।
महापंचायत में बरकाखुर्द और उससे लगे पांच गांव से करीब तीन सौ की संख्या में लोग जुटे थे। मतांतरित हो चुके परिजनों द्वारा घर वापसी करने की घोषणा करते हीं ओम का ध्वनिमत से उच्चारण का स्वागत किया गया। तय किया गया कि मंतातरित हो चुके लोगों का पांव धोकर घर वापसी कराई जाएंगी। वहीं आर्य समाज के बेटियों द्वारा इस बाबत शुद्धी हवन का भी आयोजन किया जाएगा।
इससे पूर्व महापंचायत जिप प्रतिनिधि अशोक मेहता के नेतृत्व में आयोजित हुई। अध्यक्षता जगदीश प्रसाद मेहता सेवानिवृत शिक्षक ने की। बैठक में मतांतरित हो चुके परिवारों को बैठक में बुलाया गया और उनकी मंशा और मतांतरण होने के पीछे की कारण पूछा गया। परिजनों ने बताया कि लोभ वश बहकावे में वे अपने धर्म को छोड़ कर दूसरे धर्म में चले गए थे। बैठक में जानकारी दी गई कि सुनियोजित तरीके से पूरे जिले में महिलाओं को आगे कर मतांतरण का काम कराया जा रहा है। पांच से 20 हजार रुपए रैंक और काम के हिसाब से दिया जा रहा है।
बताया गया कि इचाक की बहुत सारी युवतियां भी इस कार्य के लिए लगी हुई है। उन्हें केवल गवाही देने के लिए पैसे दिए जाते है। उनका काम होता है कि जहां कहीं भी चंगाई सभा होती है, वहां जाकर झुठी गवाही देकर महिलाओं को दिग्भ्रमित करना होता है। तीन परिवारों को किया आर्थिक और सामाजिक बहिष्कार, सहयोग करने वालों को 21 हजार का जुर्माना महापंचायत में तीन परिवारों को आर्थिक और सामाजिक बहिष्कार किया गया है। पंचायत में बकायदा यह भी घोषणा की गई है कि बहिष्कृत परिवार को कोई भी सहयोग प्रदान करते है तो उन्हें 21 हजार रुपए का जुर्माना और सामाजिक दंड लगाया जाएंगा।
बहिष्कृत परिवार से बोलचाल, लेनदेन, सहायता, शादी विवाद आदि सभी तरह के आयोजनों से दूर रहने का सलाह दिया गया है। समाज से बहिष्कृत किए गए लोग ममारक गांव के है और समाज के लाख प्रयास के बावजूद ये वापस अपने घर में लौटने से इंकार कर दिया।