राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार बोर्ड का पुनर्गठन, पूर्व रॉ चीफ आलोक जोशी बनाए गए अध्यक्ष

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नई दिल्ली: पाकिस्तान के साथ लगातार बढ़ते तनाव के बीच मोदी सरकार ने एक अहम कदम उठाते हुए राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार बोर्ड (NSAB) का पुनर्गठन किया है। इस पुनर्गठन के तहत पूर्व RAW प्रमुख आलोक जोशी को बोर्ड का नया अध्यक्ष नियुक्त किया गया है। यह बदलाव भारत की सुरक्षा रणनीति को और अधिक प्रभावशाली बनाने की दिशा में एक निर्णायक कदम माना जा रहा है। नए राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार बोर्ड में कुल सात सदस्य होंगे, जिनमें सैन्य, पुलिस और कूटनीति के क्षेत्रों के अनुभवी अधिकारी शामिल हैं। इसमें तीन सेवानिवृत्त सैन्य अधिकारी (थलसेना, वायुसेना और नौसेना से), दो IPS अधिकारी (आंतरिक सुरक्षा विशेषज्ञ) और एक IFS अधिकारी (विदेश नीति और कूटनीति में निपुण) शामिल हैं।

बोर्ड के सदस्य

अलोक जोशी (अध्यक्ष): पूर्व RAW प्रमुख और राष्ट्रीय तकनीकी अनुसंधान संगठन (NTRO) के चेयरमैन जोशी एक 1976 बैच के हरियाणा कैडर के IPS अधिकारी हैं। इन्हें नेपाल और पाकिस्तान में खुफिया ऑपरेशनों का व्यापक अनुभव है। उनकी नियुक्ति को राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए एक बड़ा कदम माना जा रहा है।

लेफ्टिनेंट जनरल (सेवानिवृत्त) एके सिंह: पूर्व दक्षिणी सेना कमांडर, जिनका सैन्य रणनीति और संचालन में व्यापक अनुभव है।

एयर मार्शल (सेवानिवृत्त) पीएम सिन्हा: पूर्व पश्चिमी वायु कमांडर, जो वायुसेना के संचालन और रणनीति में विशेषज्ञ हैं।

रियर एडमिरल (सेवानिवृत्त) मॉन्टी खन्ना: नौसेना के सेवानिवृत्त अधिकारी, जिन्हें समुद्री सुरक्षा और रणनीति का गहरा अनुभव है।

राजीव रंजन वर्मा: भारतीय पुलिस सेवा के सेवानिवृत्त अधिकारी, जिन्होंने आंतरिक सुरक्षा और खुफिया मामलों में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।

मनमोहन सिंह: भारतीय पुलिस सेवा के एक और सेवानिवृत्त अधिकारी, जो सुरक्षा और खुफिया क्षेत्र में अपने योगदान के लिए जाने जाते हैं।

बी वेंकटेश वर्मा: भारतीय विदेश सेवा के सेवानिवृत्त अधिकारी, जो कूटनीति और अंतरराष्ट्रीय संबंधों में विशेषज्ञ हैं।

अलोक जोशी का राष्ट्रीय सुरक्षा के क्षेत्र में व्यापक अनुभव है। उन्होंने 2012 से 2014 तक RAW के प्रमुख के रूप में कार्य किया और 2015 से 2018 तक NTRO के चेयरमैन रहे। जोशी ने पड़ोसी देशों, विशेष रूप से नेपाल और पाकिस्तान में खुफिया ऑपरेशनों में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। उनकी नियुक्ति को राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल के नेतृत्व में एक रणनीतिक कदम माना जा रहा है, जो NSAB को और अधिक प्रभावी बनाना चाहते हैं।जोशी के नेतृत्व में, बोर्ड से अपेक्षा की जा रही है कि वह साइबर सुरक्षा, आतंकवाद विरोधी रणनीतियों और क्षेत्रीय भू-राजनीतिक चुनौतियों पर विशेष ध्यान देगा।  उनकी तकनीकी विशेषज्ञता, विशेष रूप से NTRO के दौरान साइबर खतरों से निपटने में, बोर्ड को आधुनिक सुरक्षा चुनौतियों का सामना करने में मदद करेगी।

NSAB एक मल्टीडिसिप्लिनरी बॉडी है, जिसमें सरकार से बाहर के प्रतिष्ठित लोग शामिल होते हैं, इसका मुख्य कार्य राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद को दीर्घकालिक विश्लेषण प्रदान करना तथा उनकी ओर से उठाए गए मुद्दों के लिए समाधान और उससे जुड़े हुए अलग-अलग प्लान की सिफारिश करना है।

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