धनबाद: जिले के सबसे बड़े सरकारी अस्पताल, शहीद निर्मल महतो मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल (SNMMCH) से नवजात शिशु की चोरी का सनसनीखेज मामला सामने आया है। यह घटना शनिवार और रविवार की दरम्यानी रात स्त्री एवं प्रसूति विभाग में घटी, जिससे अस्पताल प्रबंधन की सुरक्षा व्यवस्था पर गंभीर सवाल खड़े हो गए हैं।
जानकारी के अनुसार, टुंडी थाना क्षेत्र के मनियाडीह स्थित भेलोई गांव निवासी शालीग्राम मरांडी की पत्नी सरिता देवी ने 25 दिसंबर को एक स्वस्थ पुत्र को जन्म दिया था। डिलीवरी के बाद मां और नवजात दोनों को प्रसूति वार्ड में भर्ती कराया गया था। सब कुछ सामान्य चल रहा था, लेकिन देर रात किसी अज्ञात महिला ने मौके का फायदा उठाकर नवजात को उसके बेड से गायब कर दिया।
रविवार सुबह जब परिजन बच्चे को देखने वार्ड पहुंचे, तो नवजात अपने बेड पर नहीं मिला। बच्चे के गायब होने की खबर मिलते ही परिजनों में कोहराम मच गया। उन्होंने अस्पताल परिसर में जमकर हंगामा किया और प्रबंधन से जवाबदेही की मांग की। देखते ही देखते पूरे अस्पताल में अफरा-तफरी का माहौल बन गया।
घटना की सूचना मिलते ही सरायढेला थाना की पुलिस टीम अस्पताल पहुंची और जांच शुरू कर दी। पुलिस और अस्पताल प्रबंधन की संयुक्त टीम ने पूरे वार्ड और अस्पताल परिसर में लगे सीसीटीवी कैमरों के फुटेज खंगालने शुरू कर दिए हैं। एक CCTV फुटेज में एक महिला बच्चे को गोद में लेकर जाते हुए नजर आ रही है, हालांकि अभी यह स्पष्ट नहीं हो सका है कि वही महिला बच्चे की चोरी में शामिल है या नहीं। इस पूरे मामले पर पुलिस फिलहाल आधिकारिक रूप से कुछ भी कहने से बच रही है।
इधर, पुलिस ने वार्ड में ड्यूटी पर तैनात नर्सों, सुरक्षाकर्मियों और अन्य अस्पताल कर्मचारियों से भी गहन पूछताछ शुरू कर दी है। पुलिस यह पता लगाने की कोशिश कर रही है कि रात के समय वार्ड में बाहरी महिला कैसे पहुंची और सुरक्षा व्यवस्था में कहां चूक हुई।
नवजात के गायब होने से परिवार सदमे में है। बच्चे की मां सरिता देवी की हालत भी बिगड़ गई है, जिन्हें लगातार चिकित्सकीय निगरानी में रखा गया है। परिजनों का आरोप है कि SNMMCH में सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम नहीं हैं। रात के समय बाहरी लोगों की आवाजाही पर कोई सख्त नियंत्रण नहीं रहता, जिसका फायदा उठाकर इस तरह की गंभीर घटना को अंजाम दिया गया।
फिलहाल पुलिस बच्चे की बरामदगी के लिए हर संभव प्रयास कर रही है। अस्पताल प्रबंधन भी मामले की आंतरिक जांच में जुट गया है। इस घटना ने एक बार फिर सरकारी अस्पतालों में सुरक्षा व्यवस्था की पोल खोल दी है और नवजातों की सुरक्षा को लेकर चिंता बढ़ा दी है।














