Dhanteras 2025: धनतेरस के शुभ अवसर पर इस बार देशभर के बाजारों में जबरदस्त रौनक देखने को मिली। कॉन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (CAIT) के शुरुआती अनुमानों के मुताबिक, इस साल धनतेरस पर कुल खरीदारी का आंकड़ा लगभग 1 लाख करोड़ रुपये को पार कर गया। इसमें अकेले सोना और चांदी की बिक्री 60,000 करोड़ रुपये से अधिक रही, जो पिछले वर्षों के मुकाबले रिकॉर्ड स्तर पर है।
CAIT के महासचिव प्रवीण खंडेलवाल ने बताया कि धनतेरस के दिन देशभर में सोना, चांदी, बर्तन, इलेक्ट्रॉनिक सामान, देवी-देवताओं की मूर्तियां, मिट्टी के दीये और पूजा सामग्री की खरीदारी को शुभ माना जाता है। इस परंपरा को देखते हुए इस बार भी खरीदारों में जबरदस्त उत्साह देखने को मिला।
ANI से बातचीत में CAIT ने कहा कि “पिछले दो दिनों में सर्राफा बाजारों में अभूतपूर्व भीड़ उमड़ी। शुरुआती आंकड़ों के अनुसार, सोने और चांदी की कुल बिक्री 60,000 करोड़ रुपये से अधिक रही। वहीं, सिर्फ दिल्ली के सर्राफा बाजारों में करीब 10,000 करोड़ रुपये की बिक्री दर्ज की गई, जो पिछले साल की तुलना में करीब 25 गुना अधिक है।”
बढ़ती कीमतों के बावजूद लोगों की खरीदी की रफ्तार धीमी नहीं पड़ी। पिछले वर्ष जहां सोना लगभग 80,000 रुपये प्रति 10 ग्राम था, वहीं इस साल यह बढ़कर 1,30,000 रुपये से अधिक पहुंच गया। यानी करीब 60% की वृद्धि। इसी तरह चांदी की कीमतें भी 98,000 रुपये प्रति किलोग्राम से बढ़कर 1,80,000 रुपये तक जा पहुंचीं, जो 55% की बढ़त को दर्शाता है।
अन्य श्रेणियों में भी जोरदार कारोबार हुआ।
किचनवेयर पर करीब 15,000 करोड़ रुपये,
इलेक्ट्रॉनिक सामानों पर 10,000 करोड़ रुपये,
सजावटी वस्तुएं, दीये और पूजा सामग्री पर 3,000 करोड़ रुपये,
जबकि सूखे मेवे, मिठाई, फल, कपड़े, वाहन और अन्य वस्तुओं पर लगभग 12,000 करोड़ रुपये की खरीदारी दर्ज की गई।
CAIT ने कहा कि इस बार की रिकॉर्ड खरीदारी का श्रेय जीएसटी प्रणाली में सुधारों और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ‘वोकल फॉर लोकल’ अभियान को भी जाता है। इससे स्थानीय स्तर पर बने उत्पादों को बढ़ावा मिला, जिससे छोटे व्यापारियों, कारीगरों और निर्माताओं को भारी लाभ हुआ।
इसके अलावा, ऑनलाइन शॉपिंग प्लेटफॉर्म्स पर भी धनतेरस की खरीदारी का जोर रहा। उपभोक्ताओं ने पारंपरिक बाजारों के साथ-साथ डिजिटल प्लेटफॉर्म्स से भी जमकर ऑर्डर दिए, जिससे रिटेल सेक्टर में उत्सव का माहौल बना रहा।
धनतेरस पर देशभर में हुई 1 लाख करोड़ रुपये की खरीदारी, ₹60 हजार करोड़ का सोना-चांदी बिका












