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छठ महापर्व के अवसर पर इस मंदिर में लगता है भव्य मेला, सूर्यदेव के तीन रूपों की होती है पूजा

On: November 13, 2023 12:25 PM
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झारखंड वार्ता

बिहार:- देश के हर हिस्से में इस वक्‍त छठ महापर्व की धूम है। कुछ प्रमुख सूर्य मंदिर हैं जहां छठ पर्व बहुत ही धूमधाम से मनाया जाता है। इन सभी मंदिरों के पीछे कई पौराणिक कथाएं हैं। ऐसा ही एक मंदिर है औरंगाबाद में, यह मंदिर देव नाम से प्रसिद्ध है। इस मंदिर का अपना एक अलग इतिहास है और माना जाता है कि यहां सूर्यदेव की माता ने स्‍वयं छठ का व्रत किया था।

एकलौता सूर्य मंदिर जिसका मुख पूर्व दिशा में न होकर पश्चिम दिशा में

छठ पर्व के अवसर पर इस मंदिर का महत्‍व और भी बढ़ जाता है और इस वक्‍त यहां मेला भी लगता है। इस मंदिर में छठ की पूजा करने का विशेष महत्‍व माना जाता है। मानते हैं कि यहां भगवान सूर्य तीन रूपों में विराजमान हैं। यह पूरे देश का एकलौता सूर्य मंदिर है जिसका मुख पूर्व में न होकर पश्चिम में है। मंदिर के गर्भगृह में भगवान सूर्य की मुख्य प्रतिमा विराजमान है, जो कि ब्रह्मा, विष्‍णु और महेश के रूप में है। गर्भगृह के बाहर मुख्‍य द्वार पर भगवान सूर्य की प्रतिमा है तो दाईं ओर भगवान शंकर की प्रतिमा है।

छठी मैया ने सर्वगुण संपन्‍न पुत्र के प्राप्‍त होने का दिया था वरदान

मान्‍यता है कि असुरों और देवताओं के संग्राम में जब असुर हार गए थे तब देव माता अदित‍ि ने सूर्यदेव से मदद की गुहार की और कड़ी तपस्‍या पर बैठ गईं। तब माता अदिति ने तेजस्‍वी पुत्र की प्राप्ति के लिए यहीं देवारण्‍य में आकर तपस्‍या की थी। तब उनकी आराधना से प्रसन्‍न होकर छठी मैया ने उन्‍हें सर्वगुण संपन्‍न पुत्र के प्राप्‍त होने का वरदान दिया। इसके बाद सूर्यदेव ने माता अदिति के गर्भ से जन्‍म लेने का वरदान दिया। माता अदिति के गर्भ से जन्‍म लेने के कारण सूर्यदेव का नाम आदित्‍य पड़ गया और आदित्‍य ने ही असुरों का संहार किया। उसी समय से देवसेना षष्‍ठी देवी के नाम पर इस धाम का नाम देव हो गया।

मंदिर का शिल्‍प और वास्‍तु कोणार्क के सूर्य मंदिर जैसा

यहां के अभिलेखों में बताया गया है कि इस मंदिर का निर्माण आठवीं और नौवीं सदी के बीच में हुआ है। मंदिर का शिल्‍प और वास्‍तु कोणार्क के सूर्य मंदिर जैसा बताया जाता है। खास बात तो यह है कि देव सूर्य मंदिर में देश ही नहीं बल्कि विदेशों से भी श्रद्धालु दर्शन के लिये आते हैं। छठ पर्व के दौरान यहां छठव्रतियों की भारी भीड़ देखने को मिलती है।

भारत के प्रमुख सूर्य मंदिर

देव सूर्य मंदिर, औरंगाबाद
सूर्य मंदिर, गया
सूर्य मंदिर, उलार्क
कोणार्क सूर्य मंदिर
सूर्य मंदिर, मोडेरा
सूर्य मन्दिर, कटारमल
सूर्य मंदिर, रनकपुर
सूर्य मंदिर, प्रतापगढ़
दक्षिणार्क सूर्य मंदिर
सूर्य मंदिर, औंगारी
सूर्य मंदिर, हंडिया
सूर्य मंदिर, महोबा
सूर्य मंदिर, रहली
सूर्य मंदिर, झालावाड़
सूर्य मंदिर, रांची
सूर्य मंदिर, जम्मू
मार्तंड मंदिर, कश्मीर

सूर्य मंदिर, कंदाहा

Satyam Jaiswal

सत्यम जायसवाल एक भारतीय पत्रकार हैं, जो झारखंड राज्य के रांची शहर में स्थित "झारखंड वार्ता" नामक मीडिया कंपनी के मालिक हैं। उनके पास प्रबंधन, सार्वजनिक बोलचाल, और कंटेंट क्रिएशन में लगभक एक दशक का अनुभव है। उन्होंने एपीजे इंस्टीट्यूट ऑफ मास कम्युनिकेशन से शिक्षा प्राप्त की है और विभिन्न कंपनियों के लिए वीडियो प्रोड्यूसर, एडिटर, और डायरेक्टर के रूप में कार्य किया है। जिसके बाद उन्होंने झारखंड वार्ता की शुरुआत की थी। "झारखंड वार्ता" झारखंड राज्य से संबंधित समाचार और जानकारी प्रदान करती है, जो राज्य के नागरिकों के लिए महत्वपूर्ण है।

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