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शुभम जायसवाल

श्री बंशीधर नगर (गढ़वा):– श्री बंशीधर मंदिर के खलिहान प्रांगण में श्री कृष्ण जन्मोत्सव के पावन अवसर पर चल रहे साथ दिवसीय श्रीमद् भागवत कथा के तीसरे दिन श्रद्धालुओं की काफी भीड़ उमड़ रही है। इस दौरान उपस्थित श्रद्धालुओं ने भागवत कथा के प्रसंग व भजन पर भक्ति में लीन होकर ताली बजाते हुए खूब झूम रहे थे। इस दौरान मथुरा वृंदावन धाम से आए कथा वाचक व्यास आचार्य योगेश जी महाराज ने प्रवचन देते हुए भगवान नर्सिंग अवतार का प्रसंग सुनाया। शास्त्री ने बताया कि पूर्व काल में दैत्य राज पुत्र महाबली हिरण्यकश्यप ने ब्रह्माजी के वर से गर्व युक्त होकर संपूर्ण त्रिलोकी को अपने वश में कर लिया। भक्त प्रहलाद एक दिन अपने गुरु के साथ पिता के पास गए। उस समय पिता मद्यपान कर रहे थे। तब अपने चरणों में झुके हुए अपने पुत्र प्रहलाद को गोद में उठाया। प्रहलाद ने अपने पिता से हरि का नाम लेने को कहा तो दैत्य राज ने उसे गोद से उठाकर दूर फेंक दिया। उसे मारने के अनेक प्रयास किए। एक दिन भक्त प्रहलाद अपने सह पाठियों के साथ हरि का नाम ले रहा था। उसकी आवाज दैत्यराज के कानों में पहुंची तब दैत्यराज ने आकर कहा कि तेरा हरि कहा है तो प्रहलाद ने कहा कि मेरा हरि तो कण-कण में विद्यमान है।

दैत्यराज ने कहा कि इस पत्थर नुमा खंभे में हरि कहां हैं, तभी भगवान प्रहलाद की लाज रखने के लिए उस खंभे में से निकल कर भगवान ने नृसिंह अवतार लिया ओर दैत्यराज का वध कर दिया। उन्होंने कहा कि हिरना कश्यप सबको आदेश दे रहा है कि भक्त प्रह्लाद को खत्म करो, भस्म करो। लकड़ियों के चारों तरफ जल्लाद खड़े कर दिए गए। इस दौरान जब आग का भयानक जलवा हुआ, तब भक्त प्रहलाद ने इतना ही कहा अच्छा भगवान, अच्छा मेरे राम तेरी मर्जी और भक्त प्रह्लाद बच गए। नरसिह अवतार में हिरना कश्यप को मार कर भक्त प्रह्लाद को बचाया। भगवान की भक्ति में ही शक्ति है। उन्होंने कहा कि सभी अपने बच्चों को संस्कार अवश्य दें, जिससे वह बुढ़ापे में अपने माता पिता की सेवा कर सकें, गो सेवा, साधु की सेवा कर सकें। मौके पर श्री बंशीधर सूर्य मंदिर ट्रस्ट के प्रधान ट्रस्टी राजेश प्रताप देव, डॉ शशिकांत शुक्ला, वीरेंद्र प्रसाद कमलापुरी, नंदू लाल, मनदीप कमलापुरी, सुरेश विश्वकर्मा, मिक्की जायसवाल, सुजीत लाल अग्रवाल,मनीष जायसवाल सहित बड़ी संख्या में लोग मौजूद थे।