Bihar Politics: बिहार विधानसभा चुनाव में शानदार प्रदर्शन के बाद AIMIM प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी एक बार फिर सुर्खियों में हैं। सीमांचल क्षेत्र में पार्टी ने लगातार दूसरी बार पांच सीटों पर जीत दर्ज कर अपनी पकड़ मजबूत की है। अपनी इस कामयाबी के बाद ओवैसी शनिवार को अमौर पहुंचे, जहां उन्होंने एक विशाल जनसभा को संबोधित करते हुए सीमांचल की जनता का आभार व्यक्त किया।
सभा में ओवैसी ने स्पष्ट शब्दों में कहा कि उनकी पार्टी सीमांचल के विकास को लेकर प्रतिबद्ध है, और यदि राज्य सरकार इस उपेक्षित इलाके के लिए ठोस कदम उठाने को तैयार हो, तो AIMIM भी नीतीश कुमार के नेतृत्व वाली सरकार को समर्थन देने पर विचार कर सकती है।
विकास पटना–राजगीर तक सीमित क्यों?
ओवैसी ने अपने संबोधन में कहा, “हम नीतीश सरकार को समर्थन देने के लिए तैयार हैं, लेकिन सीमांचल को न्याय मिलना चाहिए। कब तक विकास पटना और राजगीर के आसपास ही सिमटा रहेगा? सीमांचल दशकों से नदी कटाव, भारी पलायन और व्यापक भ्रष्टाचार जैसी समस्याओं से जूझ रहा है। अब समय आ गया है कि सरकार इन मुद्दों पर गंभीरता दिखाए।”
सीमांचल (किशनगंज, पूर्णिया, कटिहार, अररिया) बिहार के सबसे कम विकसित इलाकों में गिना जाता है, जहां मुस्लिम आबादी का प्रतिशत भी काफी अधिक है। इस क्षेत्र की कुल 24 सीटों में से इस बार NDA ने 14 पर जीत हासिल की, जबकि AIMIM ने अपनी पिछली सफलता को दोहराते हुए पांच सीटें बरकरार रखीं।
MLA पर निगरानी रखने का नया तरीका
ओवैसी ने घोषणा की कि उनकी पार्टी जनता से किए वादों पर पूरी तरह अमल करवाएगी। उन्होंने कहा, “हमारे पांचों विधायक सप्ताह में कम से कम दो दिन अपने क्षेत्र के दफ्तरों में बैठेंगे और अपनी लाइव व्हाट्सऐप लोकेशन तथा तस्वीरें मुझे भेजेंगे। इससे यह सुनिश्चित होगा कि वे अपने क्षेत्र में सक्रिय हैं और जनता की समस्याएं सुन रहे हैं।”
उन्होंने आगे बताया कि यह व्यवस्था छह महीनों के भीतर शुरू की जाएगी और वे स्वयं भी हर छह महीने में सीमांचल का दौरा करेंगे।
विपक्ष पर भी साधा निशाना
चुनाव परिणामों के बाद ओवैसी ने विपक्ष को भी कठोर संदेश दिया। उन्होंने कहा कि RJD लगातार दावा करती रही कि वह BJP को रोकने में सक्षम है, पर यह वास्तविकता से दूर है। ओवैसी ने कहा, “मैं शुरू से कह रहा था कि RJD, BJP को रोक नहीं सकती। आज भी MY (मुस्लिम–यादव) समीकरण से भ्रमित लोगों से कहूंगा कि इस राजनीति ने सीमांचल को बहुत पीछे छोड़ दिया है।”
नीतीश सरकार को समर्थन देने को तैयार ओवैसी, लेकिन रख दी ये बड़ी शर्त













