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झारखंड के पैडमैन तरुण पहुंचे बिहार, पटना में स्कूली बच्चों व झुग्गी बस्तियों की महिलाओं व किशोरियों से हुए मुखातिब

On: July 24, 2025 7:15 AM
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समाज में बालिका शिक्षा, माहवारी स्वच्छता जागरूकता व महिलाओं से जुड़े सार्वभौमिक मुद्दों को बढ़ावा देना अहम कार्यशाला के माध्यम से झारखंड बिहार की साझा संस्कृति से रूबरू हुए बच्चे और महिलाएं कई जिलों में जागरूकता कार्यक्रम आयोजित करने के मिले आमंत्रण

सामाजिक कार्यकर्ताओं और जमीनी संगठनों का साझा क्षेत्रीय नेटवर्क तैयार कर नि:स्वार्थ कार्यों व वॉलंटियरिज्म को बढ़ावा देने की है कोशिश

पटना / जमशेदपुर : समाज में बालिका शिक्षा, माहवारी स्वच्छता जागरूकता व महिलाओं से जुड़े मुद्दों को बढ़ावा देना अहम है। वर्तमान समय में यह सभी मुद्दे किसी क्षेत्र विशेष नहीं, बल्कि समूचे दुनिया भर के लिए महत्त्वपूर्ण है। झारखंड के पैडमैन के नाम से मशहूर सामाजिक कार्यकर्ता तरुण कुमार पिछले दिनों बिहार दौरे पर थे।

भ्रमण के दौरान उन्होंने राजधानी पटना के कई ऐतिहासिक व सांस्कृतिक महत्व के स्थानों का दौरा किया, मौके पर वह कई स्थानीय सामाजिक कार्यकर्ताओं व संगठनों से भी मिले, इस दौरान सभी ने माहवारी स्वच्छता व जुड़े सामाजिक मुद्दों व चुनौतियों पर एक दूसरे के अनुभवों पर विस्तृत चर्चा की । इस दौरान तरुण ने पटना के पटेल नगर स्थित सेंट जेवियर पब्लिक स्कूल में स्कूली बच्चों के साथ कार्यशाला आयोजित कर माहवारी स्वच्छता समेत समाज में बालक बालिका समानता को महत्वपूर्ण बताया। कार्यशाला के दौरान स्कूली बच्चे झारखंड के गांवों के कई कहानियों से भी मुखातिब हुए, जिससे वह झारखंड बिहार की साझा संस्कृति के बारे में रूबरू हो सके।

एक दूसरे कार्यक्रम में उन्होंने पटना तारामंडल के समीप स्थित चीना कोठी के आसपास झुग्गी बस्तियों में रहने वाली महिलाओं और बच्चियों के साथ कार्यशाला आयोजित कर उपयोगी जानकारियां दी। सामाजिक संस्था सहज शक्ति सर्वकल्याण समिति के द्वारा संचालित सिलाई सेंटर में आयोजित जागरूकता कार्यक्रम के दौरान तरुण ने महिलाओं को प्रेरित करते हुए कहा कि सिलाई व रचनात्मक कार्य महिलाओं को सबल बनाते है, वही व्यस्ततम जीवन से समय निकालकर अपनी पढ़ाई पूरी करना आपके लिए संभावनाओं के नई राह खोलेगा। वही मेहनतकश महिलाओं व लड़कियों को अपने स्वास्थ्य व पोषण पर भी विशेष ध्यान देना आवश्यक है। महिलाओं की सक्रियता ही माहवारी स्वच्छता समेत महिलाओं से जुड़े कई मुद्दों को लेकर समाज की रूढ़िवादी सोच में बदलाव लाएगी। जिससे आने वाले समय में समाज में महिलाओं को कई परेशानियों से निजात मिल पाएगी। कार्यक्रमों के सफल आयोजन में सामाजिक संस्था अरुणोदय एक उड़ान की कादम्बिनी सिन्हा, सहज शक्ति सर्वकल्याण समिति की वंदना झा, वरिष्ठ पत्रकार रचना प्रियदर्शिनी, आईटॉक पीरियड के रानू सिंह व अन्य साथियों का महत्वपूर्ण योगदान रहा। बिहार दौरे के दौरान तरुण को बिहार के अन्य कई जिलों से भी जागरूकता कार्यक्रम आयोजित करने के आमंत्रण प्राप्त हुए है, जिनपर निकट भविष्य में कार्य किया जा सकता है। सामाजिक संस्था निश्चय फाउंडेशन के संस्थापक तरुण कुमार बताते है कि वह पिछले काफी समय से झारखंड समेत प्रदेश के सीमावर्ती राज्यों ओडिसा, छत्तीसगढ़, पश्चिम बंगाल, बिहार और उत्तरप्रदेश के सुदूर इलाके में रहने वाले सामाजिक कार्यकर्ताओं और जमीनी संगठनों का एक साझा क्षेत्रीय नेटवर्क तैयार करने का सपना देखते है, जिससे सामाजिक क्षेत्र में नि:स्वार्थ कार्यों व वॉलंटियरिज्म को बढ़ावा दिया जा सके, जिससे सामुदायिक भागीदारी से मिलकर सुदूर क्षेत्रों में गुजर बसर करने वाले समुदायों व लाखों सुविधावंचित बच्चों के लिए आवश्यक सामाजिक कार्य किया जा सके।

Satish Sinha

मैं सतीश सिन्हा, बीते 38 वर्षों से सक्रिय पत्रकारिता के क्षेत्र से जुड़ा हूँ। इस दौरान मैंने कई अखबारों और समाचार चैनलों में रिपोर्टर के रूप में कार्य करते हुए न केवल खबरों को पाठकों और दर्शकों तक पहुँचाने का कार्य किया, बल्कि समाज की समस्याओं, आम जनता की आवाज़ और प्रशासनिक व्यवस्थाओं की वास्तविक तस्वीर को इमानदारी से उजागर करने का प्रयास भी निरंतर करता रहा हूँ। पिछले तकरीबन 6 वर्षों से मैं 'झारखंड वार्ता' से जुड़ा हूँ और क्षेत्रीय से जिले की हर छोटी-बड़ी घटनाओं की सटीक व निष्पक्ष रिपोर्टिंग के माध्यम से पत्रकारिता को नई ऊँचाइयों तक ले जाने का प्रयास कर रहा हूँ।

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