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राजस्थान के श्रीगंगानगर से पाकिस्तानी जासूस गिरफ्तार, ISI को भेज रहा था भारतीय सेना से जुड़ी सूचनाएं

On: December 1, 2025 10:41 PM
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श्रीगंगानगर: राजस्थान में पाकिस्तानी खुफिया एजेंसियों की गतिविधियों पर नजर रखने वाली सीआईडी इंटेलिजेंस की जयपुर इकाई को बड़ी सफलता मिली है। लगातार मॉनिटरिंग के दौरान पंजाब के फिरोजपुर निवासी प्रकाश सिंह उर्फ बादल के पाकिस्तान की कुख्यात खुफिया एजेंसी आईएसआई से जुड़े होने का खुलासा हुआ। आरोपी सोशल मीडिया प्लेटफॉर्मों के जरिए पाकिस्तान स्थित हैंडलर्स को भारतीय सेना से संबंधित संवेदनशील सैन्य सूचनाएं भेज रहा था।

संदिग्ध गतिविधि की सूचना मिलते ही दबोचा गया आरोपी

आईजी इंटेलिजेंस प्रफुल्ल कुमार ने बताया कि 27 नवंबर को सूचना मिली कि संदिग्ध बादल को श्रीगंगानगर के साधूवाली सैन्य क्षेत्र के आसपास घूमते देखा गया है। अलर्ट हुई बॉर्डर इंटेलिजेंस टीम ने तुरंत कार्रवाई करते हुए उसे हिरासत में ले लिया।

प्रारंभिक जांच में उसके मोबाइल फोन में विदेशी और पाकिस्तानी व्हाट्सएप नंबरों से लगातार संपर्क सामने आया। इसके बाद उसे श्रीगंगानगर स्थित ज्वाइंट इंटरोगेशन सेंटर में विभिन्न खुफिया एजेंसियों द्वारा विस्तृत पूछताछ के लिए लाया गया।

ऑपरेशन सिंदूर से ही आईएसआई के संपर्क में था

पूछताछ में खुलासा हुआ कि बादल काफी समय से आईएसआई के संपर्क में था। वह निम्न संवेदनशील जानकारियां पाकिस्तान भेज रहा था:

• सेना के वाहन मूवमेंट

• सैन्य संस्थानों की जानकारी

• सीमावर्ती इलाकों की भौगोलिक स्थिति

• पुल, सड़कें और रेलवे लाइनों से जुड़ा डेटा

• नए निर्माण कार्यों का विवरण

ये सभी जानकारी राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए अत्यंत संवेदनशील मानी जाती हैं।

भारतीय मोबाइल नंबरों के ओटीपी भी भेजता था पाक एजेंटों को

जांच में एक और चौंकाने वाला खुलासा हुआ। बादल भारतीय नागरिकों के नाम पर जारी मोबाइल नंबरों के ओटीपी पाकिस्तान को उपलब्ध कराता था, ताकि पाकिस्तानी एजेंट भारतीय नंबरों से व्हाट्सएप अकाउंट बनाकर देश के खिलाफ जासूसी गतिविधियां चला सकें। इसके बदले आरोपी को पैसों का लेनदेन भी किया जाता था।

तकनीकी जांच में मिले पुख्ता सबूत

मामले की गंभीरता को देखते हुए बादल को आगे की पूछताछ के लिए जयपुर के केंद्रीय पूछताछ केंद्र लाया गया। मोबाइल डेटा की तकनीकी जांच में उसके पाकिस्तानी हैंडलर्स से संपर्क और जासूसी से जुड़ी गतिविधियों की पुष्टि हो गई।

1923 के गोपनीयता अधिनियम के तहत गिरफ्तार

सभी सबूतों की पुष्टि होने के बाद आरोपी प्रकाश सिंह उर्फ बादल (34), पुत्र कादर सिंह के खिलाफ शासकीय गुप्त बात अधिनियम 1923 के तहत जयपुर के स्पेशल पुलिस स्टेशन में मुकदमा दर्ज कर उसे सोमवार को औपचारिक रूप से गिरफ्तार कर लिया गया।

Vishwajeet

मेरा नाम विश्वजीत कुमार है। मैं वर्तमान में झारखंड वार्ता (समाचार संस्था) में कंटेंट राइटर के पद पर कार्यरत हूं। समाचार लेखन, फीचर स्टोरी और डिजिटल कंटेंट तैयार करने में मेरी विशेष रुचि है। सटीक, सरल और प्रभावी भाषा में जानकारी प्रस्तुत करना मेरी ताकत है। समाज, राजनीति, खेल और समसामयिक मुद्दों पर लेखन मेरा पसंदीदा क्षेत्र है। मैं हमेशा तथ्यों पर आधारित और पाठकों के लिए उपयोगी सामग्री प्रस्तुत करने का प्रयास करता हूं। नए विषयों को सीखना और उन्हें रचनात्मक अंदाज में पेश करना मेरी कार्यशैली है। पत्रकारिता के माध्यम से समाज में सकारात्मक बदलाव लाने की कोशिश करता हूं।

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