मिलान/रोम: इटली में प्रधानमंत्री जॉर्जिया मेलोनी की सरकार द्वारा फिलिस्तीन को स्वतंत्र देश की मान्यता देने से इनकार के बाद देशभर में बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शन हुए। सोमवार से शुरू हुए प्रदर्शन में मिलान, रोम, बोलोग्ना, ट्यूरिन, फ्लोरेंस, नेपल्स और सिसिली समेत कई प्रमुख शहरों की सड़कें जाम हो गईं और बंदरगाहों में काम ठप पड़ गया।
मिलान में हिंसक झड़पें
मिलान के सेंट्रल स्टेशन पर करीब 20 हजार प्रदर्शनकारी इकट्ठा हुए। कई बस और रेलवे स्टेशनों में तोड़फोड़ की गई। प्रदर्शनकारियों ने पुलिस पर स्मोक बम, पत्थर और बोतलें फेंकी। इस दौरान लगभग 60 पुलिसकर्मी घायल हुए। प्रदर्शनकारियों ने मेलोनी के खिलाफ जमकर नारेबाजी की।
रोम में प्रदर्शन और अमेरिकी झंडा जलाया
रोम में भी हजारों लोग सड़कों पर उतरे और “फ्री फिलिस्तीन” के नारे लगाए। प्रदर्शनकारियों ने अमेरिकी झंडा भी जलाया। देशभर में यह विरोध प्रदर्शन ट्रेड यूनियनों द्वारा बुलाए गए हड़ताल का हिस्सा थे। मजदूरों ने वेनिस के बंदरगाहों में काम रोकने की कोशिश की, ताकि इजराइल को हथियार और अन्य सामान भेजने में बाधा डाली जा सके।
प्रधानमंत्री मेलोनी का बयान
प्रधानमंत्री जॉर्जिया मेलोनी ने इन प्रदर्शनों को “शर्मनाक” बताया और कहा कि यह गाजा के लोगों की जिंदगी में कोई बदलाव नहीं लाएंगे। उन्होंने हड़ताल आयोजकों और राजनीतिक दलों से हिंसा की स्पष्ट निंदा करने की अपील की।
फिलिस्तीन को मान्यता पर विवाद
दो महीने पहले मेलोनी ने कहा था कि वह फिलिस्तीन के पक्ष में हैं, लेकिन इसे अभी मान्यता देने के खिलाफ हैं। उनका कहना था कि केवल कागजी तौर पर मान्यता देने से वास्तविक समस्या का समाधान नहीं होगा। इसके विपरीत, हाल ही में ब्रिटेन, फ्रांस, कनाडा और अमेरिका जैसे कई देशों ने फिलिस्तीन को औपचारिक रूप से स्वतंत्र देश के रूप में मान्यता दी। फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों ने सोमवार रात इस कदम की घोषणा की।
दुनिया की प्रतिक्रिया
बीबीसी के अनुसार, कई पश्चिमी देशों ने लंबे समय से कहा था कि फिलिस्तीन को तभी मान्यता दी जाएगी जब हालात ठीक होंगे। लेकिन गाजा में दो साल से जारी हिंसा, भुखमरी और बर्बादी की तस्वीरों के बीच वैश्विक दबाव बढ़ता जा रहा है। इजराइल ने इन देशों की कदमों पर नाराजगी जताई है। प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने इसे “हमास को इनाम देने” जैसा करार दिया और उनके यूएन दूत ने इसे “सर्कस” बताया।
स्थिति तनावपूर्ण
इटली में विरोध प्रदर्शन जारी हैं और सरकार पर बढ़ते दबाव के बीच राजनीतिक टकराव तेज होता जा रहा है। विरोध प्रदर्शनों की हिंसक घटनाओं ने नागरिक जीवन को प्रभावित किया है, जबकि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर फिलिस्तीन को मान्यता देने का मुद्दा और गरमाया हुआ है।














