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डीसी सीओ को ज्ञापन, रेलवे और बिहार सरकार की अनाबाद जमीन सत्यापन की मांग

विस्थापन पर पुनर्वास की मांग

जमशेदपुर : जमशेदपुर के परसुडीह थाना क्षेत्र के कथित रूप से रेलवे या बिहार सरकार के अनाबाद भूमि पर कई वर्षों से बसे लोगों में दहशत का माहौल है। इसका वजह यह है कि रेलवे के वरीय अनुभाग अभियंता (कार्य) की ओर से विगत 20 जनवरी को आगामी 30 जनवरी तक बस्ती की जमीन को खाली कर देने की नोटिस जारी की गई है।

इसके खिलाफ झारखंड नगर बस्ती के निवासियों ने सोमवार को मोर्चा खोल दिया है। जिनके समर्थन में पंचायत प्रतिनिधि भी खुलकर आ गए हैं। सैकड़ो की संख्या में पीड़ित लोग और जनप्रतिनिधि अंचल कार्यालय पहुंच कर अंचलाधिकारी को एक ज्ञापन सौंपा।

ज्ञापन में रेलवे द्वारा टाटा-बदामपहाड़ सेकेंड लाइन बिछाने के लिए बस्ती वासियों को जमीन खाली करने की नोटिस दिये जाने के आलोक में बस्ती वाली जमीन की जांच कर रेलवे एवं अनाबाद बिहार सरकार की जमीन को सत्यापित कराने का आग्रह किया गया है, साथ ही वहां से विस्थापित होनेवाले बस्तीवासियों का अनाबाद बिहार सरकार की कहीं अन्यत्र स्थित जमीन में पुनर्वास कराने का भी आग्रह किया गया है.बताते चलें कि रेलवे की टाटा-बदामपहाड़ के बीच दूसरी रेल लाइन बिछाने की योजना है, जिसके आलोक में रेलवे के वरीय अनुभाग अभियंता (कार्य) की ओर से विगत 20 जनवरी को आगामी 30 जनवरी तक बस्ती की जमीन को खाली कर देने की नोटिस जारी की गई है।

बता दें कि उक्त बस्ती में तीन पंचायतों के तीन-तीन वार्डों के अलावा दक्षिण करनडीह के वार्ड 4 के क्षेत्र आते हैं, जहां 450 परिवारों के करीब 4000 लोग निवास करते हैं. ज्ञापन में अंचलाधिकारी से आग्रह किया गया है कि वे उक्त बस्ती की जमीन की जांच करायें. बस्तीवासियों ने बताया है कि बस्ती की जमीन का खाता संख्या 372, प्लॉट संख्या 1133 है।

बस्तीवासियों ने अंचलाधिकारी से रेलवे एवं अनाबाद बिहार सरकार की जमीन को अलग-अलग सत्यापित कराने का आग्रह करने के साथ ही उस क्षेत्र से विस्थापित किये जाने वनाले परिवारों को किसी दूसरी जगह अनाबाद बिहार की खाली पड़ी जमीन में पुनर्वासित कराने का आग्रह किया है।

बताया जाता है कि बस्तीवासियों ने आज जिला परिषद् अध्यक्ष बारी मुर्मू एवं उपाध्यक्ष पंकज सिन्हा के नेतृत्व में उपायुक्त कार्यालय पहुंच कर उन्हें भी इस संबंध में एक ज्ञापन सौंपा है।

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