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एक्टर सैफ पर हमले को लेकर पहले ही सदमे में,पटौदी परिवार,अब 15000 करोड़ की संपत्ति जप्त कर सकती है सरकार

On: January 21, 2025 2:51 PM
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मुंबई: एक्टर सैफ अली खान पर जानलेवा हमले के सदमे से पटौदी परिवार अभी उबरा ही नहीं है कि एक और बहुत बड़ी मुसीबत पटौदी परिवार के समक्ष आन पड़ी है। बताया जा रहा है कि केंद्र सरकार उनकी 15000 करोड़ की संपत्ति कभी भी जप्त कर सकती है।

दरअसल भोपाल में पटौदी परिवार की 15 हजार करोड़ की संपत्ति से जुड़ा है जिसे शत्रु संपत्ति अधिनियम के तहत सरकार जब्त कर सकती है।

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक भोपाल में ऐतिहासिक रियासत की संपत्ति पर शत्रु संपत्ति केस में पिछले 10 सालों से चला आ रहा स्टे अब खत्म हो गया। इसके बाद मध्य प्रदेश हाई कोर्ट जबलपुर ने पटौदी परिवार को संपत्ति पर दावा पेश करने का समय दिया था लेकिन उन्होंने समय में अपना पक्ष नहीं रखा। मध्य प्रदेश हाई कोर्ट (जबलपुर) ने शत्रु संपत्ति मामले में एक्टर सैफ अली खान, मां शर्मिला टैगोर, बहन सोहा और सबा अली खान और पटौदी की बहन सबीहा सुल्तान को शत्रु संपत्ति मामले में अपीलीय प्राधिकरण के समक्ष अपना पक्ष रखने के लिए 30 दिन का समय दिया था। यह अवधि अब समाप्त हो चुकी है और परिवार की ओर से दावा नहीं किया गया है।

शत्रु संपत्ति अधिनियम 1968 में बनाया गया था। इसके तहत बंटवारे के बाद जो लोग पाकिस्तान चले गए उनकी भारत में छोड़ी गई संपत्तियों पर केंद्र सरकार का अधिकार है। सरकार की ओर से यह साल 2015 में ही स्पष्ट कर दिया गया था कि नवाब हमीदुल्लाह खान की संपत्ति की वैध वारिस उनकी बड़ी बेटी आबिदा थीं। वो पाकिस्तान चली गई इसलिए अब उनकी यह संपत्ति शत्रु संपत्ति कानून के अंतर्गत आती है। वहीं नवाब की दूसरी बेटी साजिदा सुल्तान के वंशज (सैफ अली खान और शर्मिला टैगोर) इस संपत्ति पर अपना दावा पेश कर रहे हैं।

एक्टर ने अपनी संपत्ति को शत्रु संपत्ति घोषित करने के खिलाफ 2014 में चुनौती दी थी। उनका कहना था कि उनकी संपत्ति शत्रु संपत्ति नहीं है। इस मामले में शत्रु संपत्ति विभाग की कार्रवाई गलत थी। इस चुनौती ने इस पूरे विवाद को और भी पेचीदा बना दिया हालांकि, 13 दिसंबर को सैफ अली खान, उनकी मां शर्मिला टैगोर और साबिया सुल्तान की याचिका को निरस्त कर दिया।

15000 करोड़ की संपत्ति बचाने का एक ही उपाय

सैफ अली खान के परिवार के पास एक ही उपाय है यह बताया जा रहा है। वे उच्च न्यायालय की युगलपीठ में अपील दायर कर सकते हैं। अगर वे अपील दायर करते हैं और कोर्ट उनके पक्ष में फैसला देता है तो उनकी संपत्ति पर खतरा टल सकता है।

Satish Sinha

मैं सतीश सिन्हा, बीते 38 वर्षों से सक्रिय पत्रकारिता के क्षेत्र से जुड़ा हूँ। इस दौरान मैंने कई अखबारों और समाचार चैनलों में रिपोर्टर के रूप में कार्य करते हुए न केवल खबरों को पाठकों और दर्शकों तक पहुँचाने का कार्य किया, बल्कि समाज की समस्याओं, आम जनता की आवाज़ और प्रशासनिक व्यवस्थाओं की वास्तविक तस्वीर को इमानदारी से उजागर करने का प्रयास भी निरंतर करता रहा हूँ। पिछले तकरीबन 6 वर्षों से मैं 'झारखंड वार्ता' से जुड़ा हूँ और क्षेत्रीय से जिले की हर छोटी-बड़ी घटनाओं की सटीक व निष्पक्ष रिपोर्टिंग के माध्यम से पत्रकारिता को नई ऊँचाइयों तक ले जाने का प्रयास कर रहा हूँ।

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