लोहरदगा: सर्वोच्च न्यायालय, नई दिल्ली के एमसीपीसी के प्रशिक्षिकों द्वारा झालसा रांची द्वारा आयोजित 40 घंटे के गहन मध्यस्थता प्रशिक्षण कार्यक्रम में शामिल होकर लौटे जिले के चार अधिवक्ताओ ने प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश सह अध्यक्ष जिला विधिक सेवा प्राधिकार, लोहरदगा श्री राजेंद्र बहादुर पाल से उनके कार्यालय कक्ष में मुलाकात की। इस दौरान अधिवक्ताओं ने झालसा द्वारा आयोजित प्रशिक्षण कार्यक्रम में मध्यस्थता से विवादों के सुलझाने के विभिन्न टेक्निक की जानकारी को पीडीजे से साझा किया। पीडीजे ने प्रशिक्षित मध्यस्थ अधिवक्ताओं को उनके सफल प्रशिक्षण की बधाई दी और कहा कि आने वाले दिनों में सिविल विवादों को भी सुलझाने में मध्यस्थ अपनी भूमिका बढ़ाएं।
ज्ञात हो कि झालसा रांची के द्वारा आयोजित गहन मध्यस्थता प्रशिक्षण कार्यक्रम के लिए इंटरव्यू के माध्यम से जिले के चार अधिवक्ता लाल दीपक कुमार, लाल धर्मेंद्र देव, सुरीला देवी और मोमिना खातून का चयन हुआ था। जिन्होने 12 जनवरी से 16 जनवरी, 2024 तक विश्वा कांके रोड, रांची में प्रशिक्षण प्राप्त किया। इस अवसर पर डालसा सचिव राजेश कुमार ने बताया कि नव प्रशिक्षित मध्यस्थ अधिवक्ताओं द्वारा आवेदन तथा सर्टिफिकेट जामा करने के पश्चात डालसा अध्यक्ष सह पीडीजे की अनुमति के पश्चात मध्यस्थ के रूप में इंपैनल्ड किया जाएगा। इसके बाद नव प्रशिक्षित मध्यस्थ अधिवक्ता कोर्ट में लंबित विवादों में भी मध्यस्थता का काम कर सकेंगे। डालसा सचिव ने यह भी जानकारी दी कि मध्यस्थता के लिए पूर्व में पांच मध्यस्थ प्रवीण भारती, एचके सिन्हा, कुमार चंद्रशेखर, नसीम अंसारी और जुगल किशोर प्रसाद कार्यरत थे । प्रशिक्षण प्राप्त अधिवक्ताओं के आने से जिले में कुल नौ मध्यस्थ हो गए।