संवाददाता ꫰ रामप्रवेश गुप्ता
लातेहार: झारखंड बिजली वितरण निगम लिमिटेड (जेबीवीएनएल) बिजली बिल वसूलने में सक्रिय नजर आता है, वही सुविधा देने के नाम पर बहाना बना लिया जाता है। महुआडांड़ प्रखंड मुख्यालय से महज 1-2 किलोमीटर दूरी पर स्थित रिगड़ी टांड़ (अम्बवाटोली 3) बस्ती के घरों में बिजली विभाग द्वारा उपभोक्ता तो बना लिया गया है, जिसके लिए बिजली का बिल भी उनसे बाकायदा वसूला जाता है। वही जब से प्रखंड में बिजली व्यवस्था बहाल की गई है, अभी तक इन 70 से 80 घरों के मोहल्ले में बिजली का खंभा तक नहीं लगाया गया है। जिसके कारण इन बस्ती के लोगों को परेशानी के साथ आर्थिक नुकसान भी उठाना पड़ रहा है।
परदेसी मुंडा, संजय बड़ाईक, मंटू बिृज्यिा, बुधनी देवी, मीनू बड़ाईक, जैस्मिन केरकेट्टा समेत अन्य स्थानीय ग्रामीणों द्वारा बताया गया की लगभग 1 किलोमीटर की दूरी पर स्थित वन विभाग कार्यालय के पास लगे बिजली के खंभे से बांस के सहारे तार लाकर बिजली का उपयोग किया जा रहा है। जिसमें तीन से चार घर मिलकर बांस के सहारे तार बस्ती तक लाते हैं, जहां से अपने-अपने घरों में बिजली का उपयोग कर पाते हैं। जिसमें प्रत्येक घर से 2 से 3 हजार रुपए अतिरिक्त ख़र्च करना पड़ता है। वही तार में अधिक लोड पड़ने के कारण तार 6 से 7 महीना भी नहीं चल पाता है। वहीं चिंतामणि देवी, सुनीता देवी, संगीता देवी, सीमा देवी, सुमित्रा देवी समेत अन्य स्थानीय महिलाएं बताती है की अधिक संख्या में तार एक जगह जमा होने के बाद बरसात में विशेष परेशानी उठानी पड़ती है। बारिश के दौरान बिजली कड़कने से तारों में चिंगारियां सी निकलती है। जिससे ग्रामीणों में भय का माहौल भी रहता है। इस संबंध में कई बार अधिकारियों, बिजली विभाग के कर्मियों समेत जनप्रतिनिधियों से इसकी शिकायत भी की जा चुकी है, फिर भी इन 15 सालों में इस समस्या पर कोई भी संज्ञान नहीं लिया गया। हालांकि बिजली विभाग के द्वारा इस क्षेत्र में बिजली के खंभे लाकर रख तो दिए गए हैं लेकिन खम्भा स्थापित कर तार खींचने में विभाग के द्वारा हमेशा बहाना बना लिया जाता है। ग्रामीणों ने संबंधित अधिकारियों से जल्द से जल्द ट्रांसफार्मर समेत बिजली के खंभे लगाने की मांग की है।