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अपराध रोकने में विफल पुलिस का पत्रकारों के साथ अभद्र व्यवहार,प्रेस क्लब का थाने में जबरदस्त हंगामा,SSP बोले!

On: September 5, 2025 7:16 AM
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जमशेदपुर : अपराध रोकने में असफल पुलिस अब खबर का संकलन करने गए पत्रकारों के साथ कथित रूप से मारपीट और अभद्र व्यवहार करने पर उतारू है। जिसके कारण पत्रकारों को सुरक्षा देने का आश्वासन फिर एक बार कोरा साबित हो रहा है। इसके खिलाफ प्रेस क्लब ऑफ जमशेदपुर के सदस्यों ने उलीडीह थाना में जोरदार प्रदर्शन हंगामा किया।पत्रकारों का गुस्सा देखते हुए मौके की सूचना तुरंत जिला पुलिस कप्तान एसएसपी पियूष पांडे और एसपी सिटी कुमार शिवाशीष तक पहुंचाई गई।मामले की गंभीरता को देखते हुए एसएसपी ने भरोसा दिलाया कि घटना की जांच कर दोषी पुलिसकर्मी के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। वहीं, घायल पत्रकारों ने उलीडीह थाना के माध्यम से वरीय पुलिस अधीक्षक को लिखित शिकायत भी सौंपी है।

जानकारी के अनुसार, बुधवार की शाम स्थानीय पत्रकार आकाश कुमार और अभिषेक सिन्हा किसी खबर को कवर करने के सिलसिले में उलीडीह थाना पहुंचे थे। इसी दौरान वहां मौजूद एएसआई मुकेश दुबे ने दोनों पत्रकारों के साथ अभद्र व्यवहार किया।आरोप है कि उन्होंने पत्रकारों को गाली-गलौज करने के साथ ही लाठी से पिटाई कर दी।पिटाई के बाद दोनों को घायल अवस्था में थाने की हाजत में बैठा दिया गया.
घटना की जानकारी मिलते ही प्रेस क्लब ऑफ जमशेदपुर के सचिव विकास श्रीवास्तव को सूचना दी गई।

इसके बाद प्रेस क्लब के वरिष्ठ पदाधिकारी और बड़ी संख्या में स्थानीय पत्रकार थाना पहुंचे. वहां पत्रकारों ने एएसआई की गुंडागर्दी के खिलाफ जमकर नारेबाजी की और दोषी पुलिसकर्मी पर तत्काल कार्रवाई की मांग की।

पत्रकारों का गुस्सा देखते हुए मौके की सूचना तुरंत जिला पुलिस कप्तान एसएसपी पियूष पांडे और एसपी सिटी कुमार शिवाशीष तक पहुंचाई गई।मामले की गंभीरता को देखते हुए एसएसपी ने भरोसा दिलाया कि घटना की जांच कर दोषी पुलिसकर्मी के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। वहीं, घायल पत्रकारों ने उलीडीह थाना के माध्यम से वरीय पुलिस अधीक्षक को लिखित शिकायत भी सौंपी है।

इस घटना के बाद से पत्रकारों में गहरी नाराजगी है। उनका कहना है कि जब चौथे स्तंभ के प्रतिनिधि ही सुरक्षित नहीं हैं तो आम नागरिक की सुरक्षा का सवाल और बड़ा हो जाता है. प्रेस क्लब ने स्पष्ट कहा है कि यदि दोषी पुलिसकर्मी पर शीघ्र कार्रवाई नहीं होती है तो वे आंदोलन का रास्ता अपनाने को बाध्य होंगे.

इस पूरे कांड ने एक बार फिर पुलिस-जनसरोकार और पत्रकारिता की स्वतंत्रता और सुरक्षा पर सवाल उठने लगा है ।पत्रकारों का कहना है कि खबरों को कवर करना उनका दायित्व है और इसमें बाधा डालना लोकतांत्रिक व्यवस्था पर कुठाराघात है।अब देखना होगा कि जिला पुलिस प्रशासन इस मामले में क्या ठोस कदम उठाता है।

Satish Sinha

मैं सतीश सिन्हा, बीते 38 वर्षों से सक्रिय पत्रकारिता के क्षेत्र से जुड़ा हूँ। इस दौरान मैंने कई अखबारों और समाचार चैनलों में रिपोर्टर के रूप में कार्य करते हुए न केवल खबरों को पाठकों और दर्शकों तक पहुँचाने का कार्य किया, बल्कि समाज की समस्याओं, आम जनता की आवाज़ और प्रशासनिक व्यवस्थाओं की वास्तविक तस्वीर को इमानदारी से उजागर करने का प्रयास भी निरंतर करता रहा हूँ। पिछले तकरीबन 6 वर्षों से मैं 'झारखंड वार्ता' से जुड़ा हूँ और क्षेत्रीय से जिले की हर छोटी-बड़ी घटनाओं की सटीक व निष्पक्ष रिपोर्टिंग के माध्यम से पत्रकारिता को नई ऊँचाइयों तक ले जाने का प्रयास कर रहा हूँ।

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