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पोटका:मंईंयां सम्मान योजना बड़े पैमाने पर फर्जीवाड़ा!फर्जी दस्तावेज के सहारे बंगाल की मुस्लिम महिलाएं ले रही है लाभ

On: May 14, 2025 2:50 PM
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पोटका: झारखंड सरकार की अति महत्वाकांक्षी योजना मंईंयां सम्मान योजना में पोटका प्रखंड में भी बड़े पैमाने पर फर्जीवाड़ा का मामला प्रकाश में आया है। जहां पश्चिम बंगाल कि मुस्लिम महिलाएं फर्जी मोबाइल नंबर फर्जी राशन कार्ड के माध्यम से गलत तरीके से इस योजना में रजिस्ट्रेशन कर मंईंया सम्मान योजना की राशि डकार रही हैं। इस बात का खुलासा होते ही हड़कंप मच गया है।

इस मामले का खुलासा तब हुआ जब पोटका में सत्यापन सूची में बंगाल की महिलाओं के नाम आने से मुखिया बाघराय सोरेन भी अचंभित हैं।

मुखिया के मुताबिक 480 मंईयां सम्मान योजना के लाभुकों के सत्यापन के लिए सूची प्रखंड से उपलब्ध कराई गई है। इस सूची में जब जांच की जा रही है तो पता चल रहा है कि कलिकापुर पंचायत में 27 बंगाल की मुस्लिम महिलाएं इस योजना का लाभ ले रही थीं।

उन्होंने कहा कि जब इन महिलाओं के मोबाइल नंबर से संपर्क किया गया तो कई नंबर गलत हैं और जो नंबर चालू हैं वह बंगाल से फोन रिसीव कर रहे हैं। योजना का लाभ लेने के लिए राशन कार्ड जरूरी था मगर फर्जी राशन कार्ड नंबर डालकर इस योजना का लाभ बड़े ही आसानी के साथ मुस्लिम महिलाएं ले रही थीं।

स्थानीय लोगों का कहना है कि बड़े पैमाने पर यहां मुर्शिदाबाद के मुस्लिम मिस्त्री और विभिन्न तरह के कार्य करने वाले लोग निवास करते हैं। जो गलत तरीके से अपने परिवार के लोगों का मंईयां सम्मान योजना में नाम रजिस्टर्ड करा कर इनका गलत तरीके से लाभ ले रहे हैं।

मुखिया ने उच्च स्तरीय जांच की मांग उठाई

कहा कि मेरे पंचायत में एक भी मुस्लिम परिवार निवास नहीं करती है। इस मामले को लेकर झारखंड सरकार से मैं उच्चस्तरीय जांच की मांग करता हूं। सभी लाभुकों का सत्यापन होना चाहिए, ताकि यहां के रहने वाले महिलाओं को इस योजना का लाभ मिल सके।

इन महिला लाभुकों के सत्यापन के लिए सूची कलीकापुर पंचायत में आई है जिसमें मंजूरा खातून, शेरा खातून, बॉबी बानु, अंजुना खातून, जूही जहांन, बानु बेगम, आजादी बानु, अहिदा टुडू, अर्जुना खातून, जाहिदा खातून, हुस्नारा बानु, नामिना खातून, ममुदा खातून, नजमीन खातून, सहेंसा बेगम, मिनारा खातून, नूर बानु, हसीना बीबी, नूरी बेगम, सबीना खातून, खतीजा खातून, मनीला खातून, रेशमा खातून, शहनाज बेगम, लैला बेगम आदि शामिल है।

इधर सूत्रों का कहना है कि बंगाल की महिलाएं तो महिला मंईंया सम्मान योजना की लाभ ले रही है और तो और और पुरुष भी इस योजना की राशि फर्जी दस्तावेजों के सहारे डकार रहे हैं।

Satish Sinha

मैं सतीश सिन्हा, बीते 38 वर्षों से सक्रिय पत्रकारिता के क्षेत्र से जुड़ा हूँ। इस दौरान मैंने कई अखबारों और समाचार चैनलों में रिपोर्टर के रूप में कार्य करते हुए न केवल खबरों को पाठकों और दर्शकों तक पहुँचाने का कार्य किया, बल्कि समाज की समस्याओं, आम जनता की आवाज़ और प्रशासनिक व्यवस्थाओं की वास्तविक तस्वीर को इमानदारी से उजागर करने का प्रयास भी निरंतर करता रहा हूँ। पिछले तकरीबन 6 वर्षों से मैं 'झारखंड वार्ता' से जुड़ा हूँ और क्षेत्रीय से जिले की हर छोटी-बड़ी घटनाओं की सटीक व निष्पक्ष रिपोर्टिंग के माध्यम से पत्रकारिता को नई ऊँचाइयों तक ले जाने का प्रयास कर रहा हूँ।

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