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प्रशासन और नागरिकों के बीच सेतु हैं प्रज्ञा केंद्र : एसडीएम

On: October 24, 2025 11:14 PM
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झारखंड वार्ता संवाददाता

गढ़वा: गढ़वा अनुमंडल पदाधिकारी संजय कुमार ने शुक्रवार को आयोजित “कॉफी विद एसडीएम” कार्यक्रम में प्रज्ञा केंद्र संचालकों एवं सीएससी ऑपरेटरों के साथ संवाद स्थापित किया। बैठक में संचालकों ने कार्य के दौरान आने वाली व्यावहारिक समस्याओं, विभागीय समन्वय की कमी और तकनीकी कठिनाइयों से जुड़ी बातें रखीं।

एसडीएम ने सभी की बातें ध्यानपूर्वक सुनीं और कहा कि प्रज्ञा केंद्र प्रशासन और नागरिकों के बीच की सबसे महत्वपूर्ण कड़ी हैं, जो डिजिटल माध्यम से आमजन तक सरकारी सेवाओं को सरलता से पहुंचाने का कार्य कर रहे हैं। उन्होंने ई-गवर्नेंस प्रणाली को और पारदर्शी व प्रभावी बनाने के लिए कई दिशा-निर्देश दिए।

इस अवसर पर दोनों जिला सीएससी मैनेजर मनीष कुमार और कौशल किशोर समेत विभिन्न प्रखंडों से आए तीन दर्जन से अधिक संचालक उपस्थित थे।

श्रमाधान योजना में गड़बड़ी का मामला उठा

राज किरण प्रज्ञा केंद्र (नवादा मोड़) के संचालक गौतम कश्यप और अन्य संचालकों ने श्रमाधान योजना में गड़बड़ी की शिकायत की। उन्होंने बताया कि कुछ बिचौलिए मजदूरों से ₹300–₹500 तक वसूल रहे हैं और ₹5000 की डीबीटी राशि में से भी हिस्सा मांगते हैं।
एसडीएम ने इस मामले को गंभीर मानते हुए मौके पर ही श्रम अधीक्षक को फोन कर जांच और कार्रवाई के निर्देश दिए।

फर्जी प्रज्ञा केंद्र संचालकों पर कार्रवाई की मांग

संचालकों ने बताया कि कुछ लोग बिना वैध आईडी के ही प्रज्ञा केंद्र का बोर्ड लगाकर कार्य कर रहे हैं, जिससे असली संचालकों की छवि खराब हो रही है। इस पर एसडीएम ने कड़ी कार्रवाई का भरोसा दिलाया।

पंचायत रखरखाव राशि में गड़बड़ी की शिकायत

कुछ पंचायत स्तरीय संचालकों ने बताया कि पंचायत भवन रखरखाव के नाम पर मिलने वाली ₹15,000 की राशि मुखिया द्वारा खर्च नहीं की जा रही, जिससे साफ-सफाई और सुविधाएं प्रभावित हो रही हैं।
एसडीएम ने इस पर पंचायती राज पदाधिकारी को जांच कर कार्रवाई का निर्देश दिया।

बैंक खाता और ट्रांजैक्शन संबंधी समस्या

गढ़वा मेन रोड के सीएससी संचालक प्रतीक राज सोनी ने बताया कि उनका बैंक खाता संदिग्ध लेन-देन के कारण सीज कर दिया गया है।
एसडीएम ने कहा कि वे एलडीएम से समन्वय स्थापित कर समाधान का प्रयास करेंगे।

आवेदन लंबित रखने पर चेतावनी

कई संचालकों ने शिकायत की कि कार्यालयों के ऑपरेटर नागरिकों के आवेदन मनमाने ढंग से लंबित या रिजेक्ट कर देते हैं।
एसडीएम ने कहा कि ऐसे मामलों के स्क्रीनशॉट उपलब्ध कराएं, ताकि कार्रवाई की जा सके। उन्होंने कहा कि जरूरत पड़ने पर राइट टू सर्विस एक्ट के तहत अर्थदंड लगाया जाएगा।

राइट टू सर्विस एक्ट पर विशेष जोर

एसडीएम ने बताया कि झारखंड राइट टू सर्विस एक्ट, 2011 के तहत अब तक 363 नागरिक सेवाओं को शामिल किया गया है।
उन्होंने संचालकों से कहा कि वे नागरिकों को इस कानून की जानकारी दें और विलंब या लापरवाही की स्थिति में अपील करने के लिए प्रेरित करें।

पंचायत स्तर पर ई-गवर्नेंस को सशक्त करने की बात

संचालकों ने नेटवर्क और बुनियादी सुविधाओं की कमी का मुद्दा उठाया।
एसडीएम ने कहा कि वे इस विषय को वरीय अधिकारियों के समक्ष रखेंगे, ताकि पंचायत स्तर पर ई-गवर्नेंस को सशक्त किया जा सके।

रेट कार्ड का पालन अनिवार्य

एसडीएम ने निर्देश दिया कि सभी संचालक अपने केंद्रों पर रेट कार्ड प्रदर्शित करें और उसी के अनुरूप ही सुविधा शुल्क वसूलें। उन्होंने आश्वासन दिया कि सभी वैध संचालकों की समस्याओं का समाधान प्राथमिकता से किया जाएगा।

एसडीएम ने किया उत्साहवर्धन

कार्यक्रम के अंत में एसडीएम संजय कुमार ने कहा, “आप सभी प्रशासन और जनता के बीच की वह मजबूत कड़ी हैं जो डिजिटल इंडिया के सपने को साकार कर रही है।” उन्होंने संचालकों से पारदर्शिता, सेवा भावना और निष्ठा के साथ कार्य करने का आह्वान किया।

उपस्थित प्रमुख संचालक

राहुल गुप्ता (डंडई), श्रीराम ओझा (कंचनपुर), प्रदीप पाल (ओबरा), पप्पू यादव (मेराल), शंकर चौधरी (जरही), कमलेश चौबे (अचला), सुबोध कुमार वर्मा (कांडी), आनंद शर्मा (करुआ कला) समेत कई संचालक मौजूद थे।

Vishwajeet

मेरा नाम विश्वजीत कुमार है। मैं वर्तमान में झारखंड वार्ता (समाचार संस्था) में कंटेंट राइटर के पद पर कार्यरत हूं। समाचार लेखन, फीचर स्टोरी और डिजिटल कंटेंट तैयार करने में मेरी विशेष रुचि है। सटीक, सरल और प्रभावी भाषा में जानकारी प्रस्तुत करना मेरी ताकत है। समाज, राजनीति, खेल और समसामयिक मुद्दों पर लेखन मेरा पसंदीदा क्षेत्र है। मैं हमेशा तथ्यों पर आधारित और पाठकों के लिए उपयोगी सामग्री प्रस्तुत करने का प्रयास करता हूं। नए विषयों को सीखना और उन्हें रचनात्मक अंदाज में पेश करना मेरी कार्यशैली है। पत्रकारिता के माध्यम से समाज में सकारात्मक बदलाव लाने की कोशिश करता हूं।

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