निरंजन प्रसाद
गारू (लातेहार): मायापुर पंचायत के जामुनताड़ गांव में निर्माणाधीन धूमकुड़िया भवन की गुणवत्ता को लेकर गंभीर सवाल खड़े हो गए हैं। ग्रामीणों का आरोप है कि भवन निर्माण में घटिया सामग्री का उपयोग किया जा रहा है, जिससे भवन की मजबूती और टिकाऊपन पर खतरा मंडरा रहा है।
जानकारी के अनुसार, धूमकुड़िया भवन की ढलाई में जंगरोधक सीमेंट का उपयोग किया जा रहा है। जबकि ढलाई में जंगरोधक सीमेंट के बजाय साधारण सीमेंट का उपयोग किया जा रहा है, वहीं कमजोर और जंग लगी स्थानीय छड़ें डाली जा रही हैं। इसके अलावा, सीमेंट, बालू और गिट्टी का अनुपात भी तकनीकी मानकों के अनुरूप नहीं बताया जा रहा है। इससे भविष्य में भवन में दरारें आने या टूटने की आशंका व्यक्त की जा रही है।
सबसे चिंताजनक बात यह है कि ढलाई के समय न तो जेई (कनीय अभियंता) और न ही एई (सहायक अभियंता) मौजूद थे। बिना तकनीकी अधिकारियों की मौजूदगी में किए गए कार्य से निर्माण की पारदर्शिता और गुणवत्ता पर गंभीर प्रश्न उठ खड़े हुए हैं।
मजदूरों ने भी शिकायत की है कि उन्हें निर्धारित मजदूरी नहीं दी जा रही है। मजदूरों को मात्र ₹300 प्रतिदिन भुगतान किया जा रहा है, जबकि निर्धारित मजदूरी इससे अधिक है।
इस मामले पर मुखिया संघ के जिलाध्यक्ष एवं मायापुर मुखिया सुभाष कुमार सिंह ने कहा, “शिकायतें गंभीर हैं। मामले की जांच कराई जाएगी और यदि अनियमितता पाई गई तो संबंधितों पर कार्रवाई होगी।”
मायापुर ग्राम प्रधान अनुज ने भी कहा कि, “यह मामला जांच योग्य है। निष्पक्ष जांच होगी ताकि सच्चाई सामने आ सके।”
वहीं धूमकुड़िया भवन निर्माण समिति के अध्यक्ष गेंदा लोहार ने कहा, “हम नाम के लिए अध्यक्ष हैं। ढलाई के समय मैं मछली मारने गया था। मुझे इसकी जानकारी नहीं थी।”
मायापुर पंचायत के जामुनताड़ में धूमकुड़िया भवन निर्माण पर सवाल, घटिया सामग्री और तकनीकी अनियमितता के आरोप














