बंशीधर में रासलीला का शुभारंभ; प्रथम दिन कालिया नाग के फन पर भगवान श्रीकृष्ण के नृत्य का किया गया मंचन,दर्शकों की उमड़ी भीड़

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शुभम जायसवाल

श्री बंशीधर नगर (गढ़वा):- श्री कृष्ण जन्माष्टमी के उपलक्ष में श्री बंशीधर सूर्य मंदिर ट्रस्ट की ओर से मंदिर प्रांगण में मंगलवार की रात से सात दिवसीय रासलीला का आयोजन किया गया है। श्रीधाम वृंदावन से आए व्रज कृष्ण लीला मंडली के कलाकारों द्वारा रासलीला का मंचन किया जा रहा है। रासलीला का शुभारंभ पूर्व विधायक अनंत प्रताप देव,इंस्पेक्टर रतन कुमार सिंह,बंशीधर सूर्य मंदिर ट्रस्ट के प्रधान ट्रस्टी राजेश प्रताप देव एवं प्रतिष्ठित व्यवसाई वीरेंद्र प्रसाद कमलापुरी ने संयुक्त रूप से दीप प्रज्वलित कर राधा कृष्ण की झांकी का आरती उतार कर किया।

मौके पर पूर्व विधायक ने कहा कि हम सभी ऐसे स्थान पर हैं जहां भगवान श्री कृष्णा स्वयं विराजे हैं। बंशीधर मंदिर में भगवान कृष्ण के दर्शन के बाद सारी मनोकामना पूर्ण होती है। उन्होंने कहा की श्री बंशीधर नगरवासियों ही पूरे राज्य के लिए गौरव की बात है की प्रदेश के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने श्री बंशीधर महोत्सव का दर्जा दिलाने का काम किया है। जिसकी चर्चा पूरे देश में हो रही है। कहा की वृंदावन तो भगवान का नगरी है लेकिन श्री बंशीधर नगर में भगवान स्वयं आकर वृंदावन बनाने का काम।किए है। श्री बंशीधर नगर के लोग गौरवान्वित महसूस करते हैं। 32 मन शुद्ध सोने की प्रतिमा पूरे विश्व में नही है। उन्होंने उपस्थित दशकों से भक्तिमय वातावरण में शांतिपूर्वक रासलीला का आनंद उठाने की अपील किया। कहा कि भगवान के उपदेशों को अपने जीवन में उतरे आपका जीवन धन्य हो जाएगा।

रासलीला कार्यक्रम के प्रथम दिन कलाकारों द्वारा भगवान श्रीकृष्ण के काला नाग के फन पर नृत्य का मंचन दिखाया गया। इस दौरान कलाकारों ने मनमोहक झांकियां व मंचन के जरिए श्रद्धालुओं को मंत्रमुग्ध किया।

कार्यक्रम देखने के लिए बड़ी संख्या में दर्शकों की भीड़ उमड़ रही है। कलाकारों ने दिखाया कि कालिया नाग अपनी जान बचाने के लिए नंदगांव के पास यमुना में रहने लगा था। उसके यमुना में रहने से वहां का पानी दूषित होना शुरू हो गया था। जो भी ग्वाला या गाय उस पानी को पीते तो उसकी मृत्यु हो जाती थी।

ऐसी स्थिति में भगवान कृष्ण ने सोचा कि ऐसे तो भक्तों को परेशानी होगी। उन्होंने सबसे पहले सभी को जीवनदान दिया। उसके बाद नदी के पास ही भगवान कृष्ण स्वयं ग्वालों के साथ रोजाना गेंद खेलने के लिए जाया करते थे। ग्वाले बार-बार गेंद को नदी में गिरा देते और कृष्ण को नदी में से गेंद निकालने के लिए भेज देते थे। एक बार जब खेलते समय गेंद यमुना में गिर जाने से कृष्ण उसे निकालने के लिए यमुना में कूदे और काला नाग को युद्ध में हराने के लिए उसके फन पर नाचने लगे।

मौके पर चेंबर ऑफ कॉमर्स के संरक्षक राम प्रसाद कमलापुरी,धीरेंद्र चौबे,मिक्की जायसवाल,मनदीप कमलापुरी,मनीष जायसवाल,झामुमो नेता अमरनाथ पांडे,मुक्तेश्वर पांडेय,राजेश पांडेय,संतोष कमलापुरी,विद्या भास्कर उर्फ छोटू,शुभम जायसवाल,कुणाल गुप्ता, सुरेश विश्वकर्मा सहित बड़ी संख्या में श्रद्धालु मौजूद थे।

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