रांची:: मांडर स्थित कस्तूरबा गांधी आवासीय विद्यालय से शनिवार की संध्या रांची चलो रांची चलो का नारा लगाते हुए तकरीबन 5 दर्जन छात्राओं के भागने की खबर से हड़कंप मच गया है। ये छात्राएं विद्यालय से नारा लगाते लगाते तकरीबन 3 किलोमीटर दूर मांडर चौक तक पहुंच गई। इन्हें देखने वाले आश्चर्यचकित रह गए और अफरा-तफरी का माहौल कायम रहा। कुछ लोगों ने इन लड़कियों से माजरा जानना चाहा लेकिन वे उपायुक्त से मिलने की बात कर रही थी।
प्रत्यक्ष दर्शियों के मुताबिक आनन फानन में लोगों ने किसी तरह उन्हें समझाया और मंडल थाना पहुंचा दिया। जहां आक्रोशित छात्राएं रांची उपयुक्त को बुलाने की जीत पर अड़ी रही। पुलिस और गांव वालों को छात्राओं ने रोटी-रोटी अपने आप बीती सुनाई और कहा कि विद्यालय में व्याप्त अव्यवस्था का आरोप लगाते हुए कहा कि उनका बुरा हाल है।
शिक्षकों के अभाव में पढ़ाई लिखाई ठीक से नहीं होता है। सुबह का नाश्ता समय पर नहीं मिलता है साथ ही खाना पीना भी मैन्यू के अनुसार नहीं होता है।
छात्राओं के मुताबिक अधिकांश छात्राओं को छात्रवृत्ति नहीं मिली है। खेल सामग्री, किताब कॉपी, बैंड ड्रेस, सांस्कृतिक कार्यक्रम का कपड़ा, मच्छरदानी व रोजमर्रा में इस्तेमाल होने वाली चीजें नहीं मिलती हैं. किसी भी मामले में शिकायत करने पर उन्हें दंडित किया जाता है। शिकायत करने पर ही बीते दिन 27 जुलाई को दसवीं कक्षा के छात्राओं को चार घंटे तक धूप में खड़ी रहने की सजा दी गई। इसके खिलाफ उन्होंने सामूहिक रूप से डीसी से मिलने का मन बनाते हुए रांची चलो का नारा लगाते हुए गेट से निकल पड़ी।।
इधर इस बात की सूचना मिलते ही प्रखंड विकास पदाधिकारी सुलेमान मुंडारी थाना पहुंच गए और मामला को गंभीरता से लेते हुए वार्डन इंदु केरकेट्टा को बुलाया और छात्राओं से उनकी समस्याएं सुनी। उसके बाद उन्होंने छात्राओं की समस्याओं को सिलसिलेवार ढंग से लिखा और कहा कि उनकी समस्याएं उच्च अधिकारियों तक पहुंचाई जाएगी। सोमवार को टीम कस्तूरबा गांधी आवासीय विद्यालय जाएगी और छात्राओं की समस्याओं को सुलझाने का प्रयास किया जाएगा। इसके बाद छात्राएं प्रशासन के साथ स्कूल लौटी।