रांची: आज केन्द्र सरकार ने 2024 -2025 का बजट पेश किया। बजट के प्रावधानों देखने के बाद ऐसा लगता है कि सरकार ने ओबीसी के आर्थिक व सामाजिक हालात में सुधार लाने के लिए कोई राहत की योजना नही सुझाई है। बल्कि 2023 से भी कम राशि का प्रावधान किया है। उपरोक्त बातें आज राष्ट्रीय ओबीसी मोर्चा प्रदेश अध्यक्ष राजेश कुमार गुप्ता ने बजट के बाद अपने प्रेस बयान में कहा है।
उन्होंने कहा कि देश में सबसे बडा समुदाय ओबीसी वर्ग का है, वे लगातार जाति जनगणना व उचित भागीदारी की मांग कर रहे है, परंतु सरकार ने 2024 के बजट में पिछडे वर्ग के छात्रों की प्री ( रु. 210करोड) व पोस्ट मैट्रीक ( रु.921 करोड ) छात्रवृत्ती तथा नॅशनल फेलोशिप ( रु.55 करोड) व विदेशी शिक्षा के लीये सबसिडी स्कीम ( रु 25 करोड ) तथा छात्रावास योजना ( रु 45 करोड ) अनुमानित की है। इसी योजना मे 2023 के सुधारित बजट में प्री मैट्रीक छात्रवृत्ती ( रु.281 करोड) पोस्ट मैट्रीक छात्रवृत्ती ( रु 1087 करोड) नॅशनल फेलोशिप ( रु.90 करोड) विदेशी शिक्षा स्कीम ( रु. 60 करोड) और छात्रावास योजना ( रु.45 करोड) थी.
यानी 2024 के बजट अनुमान मे पिछडे वर्ग के छात्रों की उच्च शिक्षा विकास की सभी योजनाओं में सरकारने अनुमान कम रखा है. इस वजह से पिछडे वर्ग के अभिभावकों का बच्चों के पढाई का आर्थिक बजट बढनेवाला है. किसान और पिछडे वर्ग पर 2024 का बजट आर्थिक बोझ बढानेवाला है. केन्द्र के इस बजट अनुमान का हम राष्ट्रीय ओबीसी मोर्चा घोर निंदा करते है।