रक्षाबंधन पर 95 साल बाद बन रहा है दुर्लभ महासंयोग, इस मुहूर्त में राखी बांधना होगा अत्यंत शुभ

On: August 5, 2025 2:29 PM

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Rakshabandhan 2025: इस साल रक्षाबंधन 9 अगस्त 2025, शनिवार को पूरे देश में मनाया जाएगा। यह पर्व हर वर्ष सावन माह की पूर्णिमा तिथि को मनाया जाता है। इस साल रक्षाबंधन पर भी भद्रा का साया है, लेकिन घबराने की जरूरत नहीं है क्योंकि भद्रा काल सूर्योदय से पहले ही समाप्त हो जाएगा। रक्षाबंधन के इस पावन पर्व पर बहनें अपने भाइयों की कलाई पर राखी बांधती हैं, जो उनके आपसी प्रेम का प्रतीक होती है।
95 साल बाद बन रहा है दुर्लभ महासंयोग
इस साल रक्षाबंधन पर 95 साल बाद एक दुर्लभ संयोग बन रहा है। ऐसा संयोग इससे पहले साल 1930 में बना था, जब तिथि, नक्षत्र और योग लगभग एक जैसे थे। सन 1930 में भी ठीक 9 अगस्त को शनिवार के दिन रक्षाबंधन मनाया गया था, जब पूर्णिमा, श्रवण नक्षत्र, सौभाग्य योग और बव-बालव करण का दुर्लभ संयोग बना था। 2025 में वही ग्रह-नक्षत्रों की स्थिति दोहराई जा रही है, जिससे यह रक्षाबंधन और भी पावन व विशेष बन गया है। ऐसा संयोग अत्यंत दुर्लभ होता है और आने वाले वर्षों में फिर नहीं दिखाई देगा।
रक्षाबंधन का शुभ समय
पूर्णिमा तिथि प्रारंभ: 8 अगस्त 2025 को दोपहर 2:12 बजे
पूर्णिमा तिथि समाप्त: 9 अगस्त 2025 को दोपहर 1:21 बजे
शुभ चौघड़िया: प्रातः 07:35 से 09:15 बजे तक
चर-लाभ-अमृत चौघड़िया: दोपहर 12:32 से शाम 05:26 बजे तकअभिजीत मुहूर्त: दोपहर 12:08 से 12:56 बजे तक
राखी बांधने का शुभ मुहूर्त
ज्योतिषियों के मुताबिक, 9 अगस्त को राखी बांधने का शुभ मुहूर्त सुबह 5 बजकर 47 मिनट से लेकर दोपहर के 1 बजकर 24 मिनट तक रहेगा। इस दिन रक्षाबंधन के लिए 7 घंटे 37 मिनट तक का शुभ मुहूर्त है। बहनों को राखी बांधने की रस्म इस समय के भीतर ही पूरी कर लेनी चाहिए। इसके बाद भाद्रपद मास शुरू हो जाएगा, जो रक्षाबंधन के लिए अशुभ माना जाता है।
रक्षाबंधन का महत्व
रक्षाबंधन भाई-बहन का पवित्र त्योहार है, जो सबसे अधिक खुशियां देने वाला माना जाता है। इस दिन बहनें भाइयों को राखी बांधकर उनकी लंबी उम्र, सुख-शांति और उज्ज्वल भविष्य की कामना करती हैं। ज्योतिष और शास्त्रों में राखी बांधने की विशेष विधि बताई गई है, जिसे अपनाने से इस पर्व का सांस्कृतिक और आध्यात्मिक महत्व और बढ़ जाता है। राखी केवल एक सांस्कृतिक परंपरा नहीं, बल्कि एक धार्मिक अनुष्ठान भी है।