रांची: भगवान महावीर मणिपाल हॉस्पिटल्स ने बिहार–झारखंड में पहली बार वेनासील (VenaSeal) प्रक्रिया सफलतापूर्वक पूरी की। यह विश्व स्तर पर मान्यता प्राप्त नवीनतम तकनीक वैरिकोज़ वेन्स (Varicose Veins) के इलाज के लिए है और बिना दर्द, न्यूनतम हस्तक्षेप और त्वरित रिकवरी की सुविधा देती है।
58 वर्षीय जाकिर हुसैन (नाम परिवर्तित), गोड्डा, झारखंड के निवासी, पिछले एक साल से अपने दाहिने पैर में नसों की सूजन से परेशान थे। डॉ. अरुमित पालित (कंसल्टेंट – कार्डियोथोरेसिक और वैस्कुलर सर्जरी) की देखरेख में डॉपलर अल्ट्रासाउंड जांच में उनकी वैरिकोसिटी की पुष्टि हुई। इसके बाद डॉ. पालित की टीम ने उन्हें वेनासील प्रक्रिया की सिफारिश की।
डॉ. पालित ने कहा, “यह पूरी तरह दर्दरहित प्रक्रिया है, जिसमें स्थानीय एनेस्थीसिया का उपयोग होता है। मरीज को जल्दी आराम मिलता है और ऑपरेशन के बाद किसी दर्द, त्वचा के रंग बदलने या कम्प्रेशन स्टॉकिंग पहनने की आवश्यकता नहीं होती। यह बिहार–झारखंड क्षेत्र में वैरिकोज़ वेन्स के लिए वेनासील का पहला उपयोग है।”
पारंपरिक उपचार जैसे सर्जिकल स्ट्रिपिंग, लेज़र थेरेपी या रेडियोफ्रीक्वेंसी एब्लेशन के मुकाबले वेनासील में गर्मी का उपयोग नहीं होता, जिससे नसों और आसपास की त्वचा को नुकसान का खतरा कम होता है।
जाकिर हुसैन ने कहा, “पिछले एक साल से पैर में सूजन और भारीपन से चलना मुश्किल था। वेनासील प्रक्रिया पूरी तरह दर्दरहित थी और मैं अपेक्षा से जल्दी स्वस्थ हो गया। मैं डॉ. पालित और उनकी टीम का आभारी हूं।”
इस सफलता के साथ, भगवान महावीर मणिपाल हॉस्पिटल्स पूर्वी भारत में विश्वस्तरीय चिकित्सा तकनीक उपलब्ध कराने के अपने संकल्प को और मजबूत करता है।
रांची: भगवान महावीर मणिपाल हॉस्पिटल का कमाल, पहली बार VenaSeal तकनीक से किया वैरिकोज वेन्स का दर्द रहित इलाज













