रांची: समृद्धि इन्फॉर्मेटिक्स प्रा. लि. (एसआईपीएल), झारखंड की रक्षा प्रौद्योगिकी कंपनी, ने अपना नया कॉर्पोरेट ऑफिस शुरू किया और उन्नत ड्रोन तकनीक का अनावरण किया। इस अवसर पर भारत सरकार के रक्षा राज्य मंत्री संजय सेठ उपस्थित रहे।

कंपनी का उद्देश्य झारखंड को खनिजों के साथ-साथ तकनीकी उत्कृष्टता के लिए भी पहचान दिलाना है। एसआईपीएल भारत की आत्मनिर्भरता को नई पीढ़ी की रक्षा और रणनीतिक तकनीकों में मजबूत बनाने के लिए प्रतिबद्ध है। ड्रोन कंपनी की पहली प्रमुख पहल है, जिनका उपयोग रक्षा, कृषि, निगरानी, खनन और लॉजिस्टिक्स जैसे क्षेत्रों में होगा।
ढाँचा और उपस्थिति
2 रिमोट पायलट ट्रेनिंग ऑर्गेनाइजेशन (आरपीटीओ): झारखंड और उत्तर प्रदेश में जल्द शुरुआत होगी, ताकि प्रशिक्षित ड्रोन पायलट और तकनीशियन तैयार किए जा सकें।
3 विनिर्माण इकाइयाँ: रांची, बोकारो और दिल्ली-एनसीआर में, जहाँ डिजाइन से लेकर उत्पादन तक सभी कार्य होंगे।
25 एकड़ का मेगा ड्रोन सिटी (योजना): भारत के सबसे बड़े ड्रोन हब में से एक बनने की तैयारी, जो नई तकनीक विकसित करेगा और झारखंड के युवाओं को सशक्त बनाते हुए लगभग 8,000 रोजगार अवसर उपलब्ध कराएगा।
मुख्य क्षमताएँ
ड्रोन अनुसंधान और उत्पादन: डिज़ाइन से लेकर बड़े पैमाने पर निर्माण तक, सभी पुर्जों को भारत में ही बनाने का लक्ष्य।
उन्नत ड्रोन तकनीक: रक्षा, कृषि, खनन, लॉजिस्टिक्स और निगरानी हेतु।
काउंटर-ड्रोन सिस्टम: जीपीएस स्पूफिंग, एंटी-ड्रोन जैमर और पोर्टेबल जैमिंग गन जैसी अत्याधुनिक तकनीक।
बहु-क्षेत्रीय उपयोग: रक्षा एवं सुरक्षा, स्मार्ट कृषि, खनन, वन्यजीव निगरानी और रसद।
रणनीतिक रोडमैप
एसआईपीएल का लक्ष्य आयात पर निर्भरता खत्म कर देश में ही सभी ड्रोन पुर्जों का निर्माण करना है। इसके लिए विभिन्न राष्ट्रीय संस्थानों के साथ मिलकर अनुसंधान, कौशल विकास और भविष्य के लिए तैयार कार्यबल पर फोकस किया जाएगा।
रिमोट पायलट ट्रेनिंग ऑर्गेनाइजेशन झारखंड के युवाओं को अत्याधुनिक कौशल प्रदान करेगा, ताकि वे भारत की तकनीकी प्रगति में भागीदार बन सकें।
सीईओ का विज़न
“हमारा सपना है कि झारखंड की पहचान केवल खनिजों तक सीमित न रहे, बल्कि यह उन्नत रक्षा और तकनीकी नवाचार का केंद्र बने। समृद्धि इन्फॉर्मेटिक्स के माध्यम से हम युवाओं को कौशल, अवसर और आत्मविश्वास देना चाहते हैं, ताकि वे भारत का भविष्य गढ़ सकें।”