रांची: आदिवासी समाज ने कुरमी/कुड़मी को आदिवासी सूची में शामिल करने की मांग का किया विरोध
रांची:- आज 13 अप्रैल (शनिवार) को प्रेस क्लब रांची में समस्त आदिवासी समाज द्वारा प्रेस कन्फ्रेंस करके कुरमी/कुड़मी को आदिवासी सूची में जबरन शामिल करने की मांग का विरोध किया गया। इस प्रेस कांफ्रेंस में शशि पन्ना, प्रेमचंद मुर्मू , कुंदरेसी मुंडा, अनिल पन्ना, अमरनाथ लकड़ा, आदि शामिल थे। शशि पन्ना ने कहा कि कुरमी/कुड़मी को आदिवासी सूची में शामिल करने की मांग को लेकर आदिवासी समाज आक्रोशित है। कुरमी/कुड़मी की भाषा, संस्कृति, परंपरा, रीति रिवाज कुछ भीं आदिवासी से मेल नहीं खाता है। लोकुर कमिटी द्वारा जो 5 मापदंड तय किया गया है उसमे में कुरमी/कुड़मी किसी भी अहर्ता को पूरा नहीं करता है।भाषा परिवारइनकी भाषा कुरमाली, बंगला और मगही का अपभ्रष है तथा ये इंडो आर्यन लैंग्वेज फैमिली से है। आदिवासी का भाषा ड्राविडियन और ऑस्ट्रो एशियाटिक लैंग्वेज फैमिली से है। क्षेत्र के साथ साथ इनका भाषा भी बदल जाता है। बिहार में मगही, झारखंड में खोरठा और कुरमाली, बंगाल में बगला, ओडिसा में उड़िया भाषा बोलते है।
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