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मुंबई: रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) ने आम जनता को बड़ी राहत दी है। क्योंकि RBI की मौद्रिक समीक्षा कमिटी (MPC) ने अप्रैल मीटिंग में ब्याज दरों को घटाने का ऐलान किया है। 7 से 9 अप्रैल तक चली MPC की मीटिंग में ब्याज दरों को घटाने पर सहमति बनी। RBI ने लगातार दूसरी बार देश के करोड़ों लोगों को राहत देते हुए ब्याज दरों में 0.25 फीसदी की कटौती है। जिसके बाद रेपो रेट 6 फीसदी पर आ गया है। इस फैसले के बाद होम लोन, कार लोन के साथ तमाम रिटेल लोन की ब्याज दरों में कटौती होने की संभावना है। इससे पहले फरवरी महीने की पॉलिसी मीटिंग में भी ब्याज दरों में 0.25 फीसदी की कटौती की गई थी। ये कटौती करीब 5 साल यानी 56 महीनों के बाद देखने को मिली थी।

क्‍या होता है रेपो रेट?

जिस रेट पर आरबीआई की तरफ से बैंकों को लोन द‍िया जाता है, उसे रेपो रेट कहते हैं। रेपो रेट बढ़ने का मतलब है क‍ि बैंकों को आरबीआई से महंगे रेट पर लोन मिलेगा। इससे होम लोन, कार लोन और पर्सनल लोन आद‍ि की ब्‍याज दर बढ़ जाएगी, ज‍िसका आपकी ईएमआई पर सीधा असर पड़ेगा। रेपो रेट का इस्‍तेमाल आरबीआई महंगाई को नियंत्रित करने के लिए भी करता है। जब इकोनॉमी तेजी से बढ़ रही होती है और महंगाई बढ़ती है तो केंद्रीय बैंक रेपो रेट बढ़ाकर खर्च को नियंत्रित करता है। इसके विपरीत, जब इकोनॉमी मंदी की ओर बढ़ रही होती है तो आरबीआई रेपो रेट कम करके खर्च और निवेश को प्रोत्साहित करता है।