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मदन साहु


सिसई: ग्रामीण क्षेत्रों से रात के अंधेरे और प्रशासन के जानकारी में नाक के नीचे से आये दिन हो रहे अवैध बालू उत्खनन पर प्रशासन की चुप्पी और ग्रामीण क्षेत्रों की सड़कों, नदियों खेतों को हो रही दोहन से तंग आकर अंततः ग्रामीणों ने बालू के कारोबार व कारोबारियों के विरुद्ध बालू परिचालन को बंद करने का बीड़ा उठाया है।

मालूम हो कि बुधवार की अहले सुबह लगभग पांच बजे सिसई थाना क्षेत्र के बरगांव मकुन्दा पहाड़ टोली गांव में सैकड़ों ग्रामीणों ने दो बालू लदे हाइवा (जे एच 01 एफ आर 4216), (जे एच 02 ए एक्स 9386) और लोडिंग कर रहे जेसीबी मशीन (जे एच 05 ऐएन 8353) को रोकने पहुंचे‌। बात नहीं मानने पर लोगों ने उग्र हो कर वाहनों पर पत्थर व लाठी से हमला कर दिया। ग्रामीणों को उग्र होता देख दोनों हाइवा व जेसीबी चालक व खलासी वाहनों को छोड़ मौके से फरार हो गए।

इस बाबत ग्रामीणों ने बताया कि मंगलवार रात को गांव के वन क्षेत्र से होते हुए जेसीबी मशीन लगाकर दक्षिण कोयल नदी तट तक रास्ते का निर्माण कर रात भर नदी से ट्रैक्टरों व जेसीबी मशीन के माध्यम से बालू की निकासी कर गांव के पास बने डंपिंग यार्ड में बालू का भंडारण किया गया, और साथ ही रात के अंधेरे और बुधवार अहले सुबह भी हाइवा में बालू लोडिंग कर रांची भेजा जा रहा था। बालू लोड हाइवा चलने से कच्ची सड़क पूरी तरह से बर्बाद हो गया है। जिससे रास्ते पर चलने वाले राहगीर व स्थानीय ग्रामीण कई बार दुर्घटना के शिकार हो चुके हैं। इसी कड़ी में सोमवार को गांव की ही गायत्री देवी ने अपने घर से बाजार जाने के दौरान रास्ते पर गिर गई और उनका दहिना हाथ टूट गया है। जिसे गुस्साए ग्रामीणों ने यह कदम उठाया है।

ग्रामीणों के द्वारा क्षेत्र से अवैध बालू उत्खनन पर रोक लगाने और बालू परिचालन बंद करने को लेकर स्थानीय व जिला प्रशासन, स्थानीय जनप्रतिनिधि व पुलिस प्रशासन सहित अन्य लोगों से शिकायत कर चुके हैं। जिसके बाद भी आए दिन क्षेत्र में अवैध बालू उत्खनन,भंडारण और परिचालन पर प्रशासन की चुप्पी से हैरान -परेशान जनता ने इस पर स्वयं कार्रवाई करने का निर्णय लिया और बुधवार की सुबह बालू लदे दो हाइवा और एक जेसीबी मशीन को रोक दिया गया,और इसकी सूचना सिसई पुलिस को दी गई। सूचना के करीब सात -आठ घंटे बाद बुधवार दोपहर डेढ़ बजे के करीब सिसई पुलिस गांव पहुंची।‌ इस बीच गांव में ग्रामीणों व बालू कारोबार से जुड़े लोगों के बीच लंबी बैठक के पश्चात दोनों पक्षों में समझौते के तहत दोनों बालू लदे हाईवा से गांव के ही बालू डंपिंग यार्ड पर ही वापस गिराकर दोनों हाइवा और जेसीबी को वापस भेज दिया गया।

वन क्षेत्र में सड़क बनाकर बालू उठाव करने के संबंध में वन विभाग के वनरक्षी सतीश भगत ने बताया की मंगलवार रात ही मशीन के माध्यम से नदी से बालू उठाव का रास्ता बनाया गया है, पहले से वन क्षेत्र से कोई रास्ता नहीं था।

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