धनबाद/मुंबई: भारत के खनिज क्षेत्र को वैश्विक नेतृत्व की ओर अग्रसर करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरुवार को भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (भारतीय खनन विद्यालय), धनबाद में UK–India Critical Minerals Supply Chain Observatory के एक सैटेलाइट कैंपस की स्थापना की घोषणा की।
यह घोषणा मुंबई में प्रधानमंत्री मोदी और यूनाइटेड किंगडम के प्रधानमंत्री कीर स्टार्मर के बीच हुई द्विपक्षीय बैठक के बाद संयुक्त प्रेस वक्तव्य के दौरान की गई। यह बैठक UK–India Critical Minerals Roundtable और Industry Guild के उद्घाटन सत्र के अवसर पर आयोजित की गई थी।
महत्वपूर्ण खनिजों की आपूर्ति श्रृंखला को मिलेगा नया आधार
यह पहल भारत और यूके के बीच महत्वपूर्ण खनिजों की सुरक्षित, स्थायी और लचीली आपूर्ति श्रृंखला विकसित करने की दिशा में एक मील का पत्थर मानी जा रही है। ये खनिज स्वच्छ ऊर्जा, हरित प्रौद्योगिकी और उन्नत औद्योगिक विकास के लिए अत्यंत आवश्यक हैं।
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि इस पहल का अगला चरण अनुसंधान, नवाचार और उद्योग सहयोग को बढ़ावा देने के लिए एक Industry Guild की स्थापना के साथ आगे बढ़ेगा।
उन्होंने यह भी रेखांकित किया कि IIT (ISM) धनबाद में स्थापित होने वाला सैटेलाइट कैंपस संस्थान की ऐतिहासिक शैक्षणिक विरासत और खनन व भूविज्ञान में अग्रणी अनुसंधान क्षमताओं का प्रतीक बनेगा। यह भारत की महत्वपूर्ण खनिजों की खोज, प्रसंस्करण और आपूर्ति श्रृंखला प्रबंधन क्षमताओं को नई मजबूती प्रदान करेगा और वैश्विक सहयोग को प्रोत्साहित करेगा।
नीति निर्माण और तकनीकी नवाचार का नया केंद्र बनेगा कैंपस
यह सैटेलाइट कैंपस न केवल नीति निर्माण और अनुसंधान का केंद्र बनेगा, बल्कि तकनीकी नवाचार को भी नई दिशा देगा। इससे भारत के ऊर्जा रूपांतरण और सतत विकास के प्रयासों को महत्वपूर्ण बल मिलेगा।
TexMin Foundation निभाएगा प्रमुख भूमिका
इस परियोजना में IIT (ISM) धनबाद का TexMin Foundation प्रमुख भूमिका निभाएगा। यह फाउंडेशन भारत सरकार के विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग (DST) के National Mission on Interdisciplinary Cyber Physical Systems (NM-ICPS) के अंतर्गत एक टेक्नोलॉजी इनोवेशन हब है, जो खनन और संसाधन क्षेत्रों में साइबर-फिजिकल सिस्टम आधारित तकनीकों के विकास पर केंद्रित है।
इस सहयोग से TexMin की भूमिका एक राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय केंद्र के रूप में और अधिक सशक्त होगी, जो सतत खनिज विकास, संसाधन प्रबंधन और स्मार्ट माइनिंग तकनीकों के क्षेत्र में अग्रणी योगदान देगा।
भारत-यूके तकनीकी साझेदारी को नई ऊर्जा
यह पहल भारत और यूके के बीच तकनीकी एवं नवाचार साझेदारी को भी गहराई देती है। इससे पहले Connectivity and Innovation Centre और Joint Centre for Artificial Intelligence जैसी कई साझेदार पहलें दोनों देशों के बीच सफलतापूर्वक चलाई जा रही हैं।
IIT (ISM) धनबाद में UK–India Critical Minerals Observatory के सैटेलाइट कैंपस की स्थापना भारत को वैश्विक खनिज नेतृत्व में एक नई ऊंचाई पर ले जाने की दिशा में निर्णायक कदम है। यह पहल न केवल तकनीकी और शैक्षणिक क्षेत्र को नई ऊर्जा देगी, बल्कि भारत को हरित प्रौद्योगिकी और ऊर्जा संक्रमण के लक्ष्यों को प्राप्त करने में भी सहयोग करेगी।
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