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रांची: झारखंड ऊर्जा उत्पादन निगम और पर्यटन विभाग के 107 करोड़ से ज्यादा की रकम में पैसों के फर्जी खाते में ट्रांसफर किए जाने के मामले में कुल चार सरकारीकर्मियों और बैंक कर्मी को हिरासत में लिया गया है। इस मामले में जहां साढ़े 39 करोड़ रुपए फ्रीज किए गए हैं तो वहीं 85 लाख नकद और 15 लाख के गहने भी बरामद किये गये हैं।

महाप्रबंधक (वित्त), झारखण्ड पर्यटन विकास निगम लिमिटेड, रांची ने 28 सितंबर को धुर्वा थाने में फर्जी अकाउंट बनाकर अवैध तरीके से 10 करोड़ 40 लाख रूपये के निकासी के संबंध में प्राथमिकी दर्ज कराया था। इस केस में गिरजा प्रसाद, जेटीडीसी, रांची, आलोक कुमार, जेटीडीसी, रांची और अमरजीत कुमार, तत्कालीन शाखा प्रबंधक, केनरा बैंक, निफ्ट शाखा, हटिया के खिलाफ केस दर्ज किया गया था। इस मामले की संवेदनशीलता को देखते हुए 4 अक्तूबर को इस केस को सीआईडी को ट्रांसफर किया गया। इसके बाद मामले की जांच का जिम्मा एसआईटी के सुपुर्द किया गया। मामले में नामजद आरोपी और तत्कालीन लेखापाल सह-कैशियर, जेटीडीसी, रांची गिरिजा प्रसाद और केनरा बैंक शाखा निफ्ट रांची के शाखा प्रबंधक अमरजीत कुमार को डिटेन किया गया। पूछताछ में इन आरोपियों ने मामले में शामिल दो अन्य आरोपियों की जानकारी दी। इसके बाद एसआईटी ने रूद्र सिंह उर्फ समीर कुमार को बोकारो एवं लोकेश्वर साह उर्फ लोकेश को डिबडीह, रांची से हिरासत में लिया। इन साजिशकर्ताओं की निशानदेही पर इनके बताये स्थान से लगभग 85 लाख नकद तथा लगभग 15 लाख रूपये के सोने के गहने, कुल लगभग एक करोड़ अर्जित किये गये राशि बरामद किये गये।

एसआईटी अब यह पता लगाने की कोशिश कर रही है कि इस फर्जीवाड़े में और कौन-कौन से लोग शामिल हैं। इसके अलावा, टीम ने संभावित वित्तीय लाभ के स्रोतों की भी जांच शुरू कर दी है। झारखंड पुलिस प्रवक्ता सह आईजी अभियान अमोल वी होमकर ने बताया कि मामले की जांच अभी जारी है। इस मामले में सीआईडी, साइबर थाना रांची और आई4सी एसआईटी के साथ मिलकर काम कर रही है।

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