रांची: झारखंड गैर सरकारी स्कूल संचालक संघ ने राज्य सरकार द्वारा झारखंड निशुल्क एवं अनिवार्य बाल शिक्षा का अधिकार द्वितीय संशोधन नियमावली 2025 को कैबिनेट से पारित किए जाने पर मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को धन्यवाद दिया है।
संघ के केंद्रीय अध्यक्ष श्री राम प्रकाश तिवारी, उपाध्यक्ष सह कोषाध्यक्ष श्री शंभू लाल वर्णवाल, केंद्रीय सचिव श्री अजय शंकर कुमार और केंद्रीय महासचिव श्री कृष्णा मोदी ने संयुक्त बयान जारी कर कहा कि यह निर्णय राज्य के हजारों गैर-मान्यता प्राप्त निजी स्कूलों के लिए बड़ी राहत साबित हो सकता है।
अध्यक्ष श्री तिवारी ने उम्मीद जताई कि अब तक मान्यता लेने की प्रक्रिया में जो कठोर नियम और जटिलताएं थीं, उन्हें सरकार ने इस संशोधन नियमावली के जरिए आसान बनाया होगा। उन्होंने कहा—
> “गैर-मान्यता प्राप्त प्राइवेट स्कूल संचालकों को लंबे समय से मान्यता प्राप्त करने में कई बाधाओं का सामना करना पड़ रहा था। अगर नई नियमावली में इन शर्तों को सरल किया गया है, तो इससे न केवल स्कूल संचालकों को राहत मिलेगी बल्कि हजारों बच्चों की पढ़ाई भी प्रभावित नहीं होगी।”
संघ पदाधिकारियों ने आगे कहा कि नियमावली का विस्तृत प्रावधान देखने के बाद ही स्पष्ट हो पाएगा कि सरकार ने स्कूल संचालकों को किस स्तर तक राहत दी है।
झारखंड में बड़ी संख्या में गैर-मान्यता प्राप्त निजी स्कूल ग्रामीण व शहरी क्षेत्रों में शिक्षा का दायित्व निभा रहे हैं। इन स्कूलों में लाखों बच्चे पढ़ते हैं, लेकिन कड़े प्रावधानों और प्रक्रियात्मक दिक्कतों के कारण इन्हें वर्षों से मान्यता हासिल नहीं हो पा रही थी।
संघ ने राज्य सरकार से अपेक्षा जताई कि नियमावली के क्रियान्वयन में भी पारदर्शिता और सरलता बरती जाएगी, ताकि शिक्षा का अधिकार अधिनियम का असली उद्देश्य — हर बच्चे को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा — पूरा हो सके।
रांची: कैबिनेट से पारित RTE संशोधन के लिए स्कूल संचालक संघ ने जताया आभार

