गढ़वा: उपायुक्त दिनेश यादव की अध्यक्षता में स्थानीय नगर भवन सभाकक्ष में शिक्षा विभाग के तहत जिला स्तरीय शुल्क समिति गठन को लेकर बैठक आयोजित की गई। बैठक में झारखंड शिक्षा न्यायाधिकरण (संशोधन) अधिनियम, 2017 के प्रावधानों के आलोक में विस्तृत चर्चा की गई।

उपायुक्त श्री यादव ने कहा कि प्रत्येक निजी विद्यालय में शुल्क समिति का गठन अनिवार्य है। विद्यालय स्तर पर यह समिति प्रबंधन प्रतिनिधि अध्यक्ष, प्रधानाध्यापक सचिव, प्रबंधन द्वारा नामित तीन शिक्षक सदस्य तथा अभिभावक संघ द्वारा चुने गए चार अभिभावक सदस्य मिलकर बनाएंगे। वहीं जिला स्तरीय समिति में उपायुक्त अध्यक्ष, जिला शिक्षा पदाधिकारी एवं शिक्षा अधीक्षक पदेन सदस्य-सचिव, परिवहन पदाधिकारी, चार्टर्ड एकाउंटेंट, निजी विद्यालयों के दो प्राचार्य, दो अभिभावक प्रतिनिधि तथा क्षेत्रीय सांसद और विधायक शामिल रहेंगे।
उन्होंने स्पष्ट किया कि शुल्क समिति द्वारा निर्धारित शुल्क दो वर्षों तक प्रभावी रहेगा। यदि शुल्क वृद्धि 10% से अधिक है तो जिला समिति से अनुमोदन लेना आवश्यक होगा।
बैठक में यह भी बताया गया कि गढ़वा जिले में लगभग 300 निजी विद्यालय हैं, जिनमें से केवल 25 विद्यालय ही RTE से मान्यता प्राप्त हैं। शेष विद्यालय अनधिकृत रूप से संचालित हो रहे हैं। उपायुक्त ने कहा कि अब बिना RTE मान्यता के किसी भी विद्यालय को U-DISE Code नहीं दिया जाएगा। बिना इस कोड के विद्यार्थियों की APAAR ID (Academic Performance and Achievement Record) बनना संभव नहीं है, जिससे उनके भविष्य पर प्रतिकूल असर पड़ता है।
उपायुक्त ने चेतावनी दी कि जो भी निजी विद्यालय RTE मानक के अनुरूप अर्हता पूर्ण कर शीघ्र मान्यता प्राप्त नहीं करेंगे, उन्हें बंद कर दिया जाएगा और उनमें नए नामांकन पर रोक लगा दी जाएगी।
उन्होंने RTE मान्यता की शर्तें स्पष्ट करते हुए कहा कि विद्यालय की भूमि विद्यालय के नाम पर निबंधित होनी चाहिए या कम से कम 30 वर्षों का लीज डीड होना अनिवार्य है। भवन के न्यूनतम आकार, खेल मैदान, सुरक्षा, पेयजल, स्वच्छता, बिजली सुरक्षा, प्रशिक्षित शिक्षक, बाउंड्री वॉल, सीसीटीवी एवं अन्य बुनियादी सुविधाएं उपलब्ध होना आवश्यक है।
बैठक में अनुमंडल पदाधिकारी गढ़वा, रंका एवं बंशीधर नगर, जिला शिक्षा पदाधिकारी, शिक्षा अधीक्षक, विभिन्न निजी विद्यालयों के संचालक, प्रधानाध्यापक एवं अभिभावक बड़ी संख्या में उपस्थित रहे।