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Tiniest Pacemaker: वैज्ञानिकों ने चिकित्सा जगत में एक ऐतिहासिक उपलब्धि हासिल की है। नॉर्थवेस्टर्न यूनिवर्सिटी के इंजीनियरों ने आकार में चावल के दाने से भी छोटा पेसमेकर बनाया है। इसे इंजेक्शन के जरिये भी शरीर में इंजेक्ट किया जा सकता है।

खास बात यह है कि काम खत्म होते ही यह पेसमेकर अपने आप शरीर में घुलकर खत्म हो जाता है। यह न केवल दुनिया का सबसे छोटा पेसमेकर है, बल्कि इसके गुणधर्म और कार्यप्रणाली इसे पारंपरिक उपकरणों से कहीं अधिक उन्नत और सुरक्षित बनाते हैं। यह जानकारी अंतरराष्ट्रीय जर्नल नेचर में प्रकाशित अध्ययन में सामने आई है। इससे पता चला है कि यह डिवाइस बड़े-छोटे जानवरों और मानव हृदय पर जो अंगदान करने वाले लोगों से लिए गए थे, सफलतापूर्वक काम करता है।

वैज्ञानिकों के अनुसार, इसकी विशेषताएं इसे हृदय रोगों के इलाज में क्रांतिकारी बदलाव लाने में सक्षम बनाती हैं। आकार में सूक्ष्म होने के बावजूद यह अत्यंत प्रभावकारी है। यह पेसमेकर आकार में मात्र 1.8 मिमी चौड़ा, 3.5 मिमी लंबा और 1 मिमी मोटा है।

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