श्री बंशीधर नगर(गढ़वा):-– स्थानीय सरस्वती विद्या मंदिर में बुधवार को भारत के प्रथम स्वतंत्रता संग्राम के अमर सेनानी बाबू वीर कुंवर सिंह की जयंती हर्षोल्लास एवं श्रद्धा के साथ मनाई गई। कार्यक्रम की शुरुआत प्रभारी प्रधानाचार्य कृष्ण कुमार पांडेय व आचार्य सुधीर प्रसाद श्रीवास्तव द्वारा दीप प्रज्वलन एवं पुष्पार्चन से की गई।
कार्यक्रम में विद्यालय के भैया अर्णव पांडे, उत्कर्ष पांडे, अंशु जायसवाल एवं बहन अंजलि कुमारी, पल्लवी देव, आरवी तथा नीदा फातिमा ने वीर कुंवर सिंह के जीवन पर प्रकाश डाला। इस दौरान चित्रकला प्रतियोगिता का आयोजन भी किया गया, जिसमें बच्चों ने वीरता और देशभक्ति से ओत-प्रोत चित्र बनाकर दर्शकों का मन मोह लिया।
आचार्य सुधीर प्रसाद श्रीवास्तव ने वीर कुंवर सिंह की जीवनी पर प्रकाश डालते हुए कहा, मस्ती की थी छीड़ी रागनी, आज़ादी का गाना था, सब कहते थे कुंवर सिंह वीर, बड़ा मर्दाना था। 80 वर्षों की हड्डी में, जागा जोश पुराना था।
उन्होंने बताया कि वीर कुंवर सिंह का जन्म 23 अप्रैल, 1777 को भोजपुर जिले के जगदीशपुर में हुआ था। वे राजपूत जमींदार परिवार से थे और बचपन से ही घुड़सवारी, तलवारबाज़ी एवं तीरंदाजी जैसे युद्ध कौशल में निपुण थे। 1857 के संग्राम में 80 वर्ष की उम्र में अंग्रेजों के खिलाफ लड़ते हुए उन्होंने जगदीशपुर को स्वतंत्र कराया और वहाँ तिरंगा फहराया।
इस अवसर पर आचार्य सुजीत कुमार, नीरज सिंह, अविनाश कुमार, अशोक कुमार, सत्येन्द्र प्रजापति, हिमांशु झा, रुपेश कुमार, उमेश कुमार, विक्रम प्रसाद, प्रदीप कुमार गुप्ता, आरती श्रीवास्तव, नीति कुमारी, प्रियंवदा, तन्वी जोशी, रेनू पाठक, सलोनी कुमारी, नेहा कुमारी और खुशबू सिंघल सहित अन्य शिक्षक एवं शिक्षिकाएं उपस्थित थी।