रांची: चुनाव आयोग बिहार में एसआईआर (विशेष गहन पुनरीक्षण) प्रक्रिया के बाद इसे देशभर में लागू करने की तैयारी में है, जिसमें भारत के सभी राज्यों को शामिल करने की योजना है। इसी कड़ी में झारखंड में भी मतदाताओं के एसआईआर (विशेष गहन पुनरीक्षण) की तैयारी शुरू कर दी गई है। सभी जिलों में अधिकारियों को अलर्ट मोड में रहने को कहा गया है। भारत निर्वाचन आयोग से निर्देश आने के बाद इस पर कार्रवाई शुरू कर दी जाएगी। झारखंड में इसके साथ-साथ आगामी मतदाता सूची पुनरीक्षण के लिए समीक्षा की गई। मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी के. रवि कुमार ने सभी जिलों के उप निर्वाचन पदाधिकारियों के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से बैठक की। के. रवि कुमार ने निर्देश दिया कि मतदान केंद्र के मैप में सेक्शन बनाना अनिवार्य है। प्रत्येक मतदान केंद्र के क्षेत्र में मतदाता पहचान पत्र में दिया गया पता सही ढंग से अंकित हो। इससे मतदाताओं की पहचान और सूची निर्माण में अधिक सटीकता आएगी। उन्होंने कहा कि मतदान केंद्र के विखंडन के समय यह विशेष ध्यान रखा जाए कि एक ही परिवार या एक ही टोले के मतदाताओं को अलग-अलग मतदान केंद्रों पर न जाना पड़े। मतदाताओं को किसी प्रकार की असुविधा न हो और मतदान प्रक्रिया में अधिक सहभागिता सुनिश्चित हो सके। उन्होंने सभी उप निर्वाचन पदाधिकारियों को निर्देशित किया कि वे अपने-अपने जिलों में पुनरीक्षण कार्य के लिए टीमों को सक्रिय करें और प्रगति की नियमित समीक्षा करें।
झारखंड विधानसभा में सत्ता गठबंधन (INDIA ब्लॉक) ने इस योजना के खिलाफ एक प्रस्ताव पारित करने का निर्णय लिया है, हेमंत सोरेन के नेतृत्व में गठबंधन द्वारा चुनाव आयोग की इस पहल को निंदात्मक बताया गया है। झारखंड सरकार मतदाताओं के एसआईआर का विरोध करेगी। इसके लिए झारखंड विधानसभा के मॉनसून सत्र में सत्ता पक्ष सदन में प्रस्ताव लाएगा। सदन से प्रस्ताव पास करवाकर केंद्र सरकार को भेजा जाएगा। मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की अध्यक्षता में आयोजित सत्ता पक्ष के विधायक दल की बैठक में सर्वसम्मति से यह निर्णय लिया गया। मुख्यमंत्री आवास में महागठबंधन विधायक दल की बैठक के बाद संसदीय कार्य मंत्री राधाकृष्ण किशोर ने कहा कि एसआईआर को लेकर सत्ता पक्ष चार अगस्त को सदन में प्रस्ताव लाएगा।