सिसई (गुमला): प्रखंड क्षेत्र के सतासिलि रामनवमी मैदान में एक ओर महिला एवं बाल विकास मंत्री बेबी देवी, गांडेय विधायक कल्पना सोरेन की राज्य सरकार के द्वारा शुरू किया गया महत्वकांक्षी योजना मंईयां सम्मान योजना के तहत मंईयां सम्मान यात्रा का विशाल आम सभा हो रहा था। तो वहीं दूसरी ओर सभा में प्रखंड के विभिन्न पंचायतों के द्वारा संचालित 170 आंगनबाड़ी केंद्रो की सेविका और सहायिकाएं शामिल नहीं हुईं और सरकार के प्रति अपनी नाराजगी एवं विरोध जताते हुए प्रखंड कार्यालय परिसर में अपने विभिन्न मांगों को लेकर धरना प्रदर्शन किया।
साथ ही सरकार के विरोध में नारेबाजी करते हुए आंगन बाड़ी कर्मचारी संघ गुमला के तत्वाधान में अनिश्चित कालीन हड़ताल पे चले गए। अपनी विभिन्न मांगों को लेकर हड़ताल के निमित सरकार को पत्र प्रेषित किया गया है। इनका कहना है कि, सरकार हमलोगों से बंधुआ मजदूर कि तरह काम कराती है। और बदले में सिर्फ मानदेय देती है। जो हमलोगों के लिए बहुत ही कम राशि है, वो भी समय पर नहीं देती है। हमलोगों को मानदेय पर काम नहीं करना है। क्योंकि हमलोगों के भी छोटे छोटे बाल बच्चे हैं, उनका पालन पोषण करना है पढ़ाना लिखाना है। हमलोगों से हर तरह का काम कराया जाता है।
मंईयां सम्मान योजना के तहत फॉर्म भरने से लेकर बच्चों को पोषक आहार देना, टीकाकरण करना। घर घर जाकर मतदाता सूची में नाम जोड़ना। यानि (BLO) का काम भी हमलोगों से कराया जाता है।और तो और गुजारा भत्ता भी नहीं मिलता है,पोषाहार के लिए बाजार मूल्य से भी कम राशि मिलता है। इसको बाजार मूल्य पर दिया जाय। इसके अलावा सरकार से इनकी मांगें हैं, कि विभाग द्वारा जारी सेवाशर्त नियमावली कि अधिसूचना संख्या-2238 एवं 2239 दि. – 30 /09/2022 में आंशिक संसोधन हेतू पूर्व समर्पित आवेदन पर अविलंब विचार हो।
सभी सेविका एवं सहायिका को नियमित किया जाए।पारा शिक्षकों के बराबर वेतनमान के साथ सभी सुविधाओं की स्वीकृति देते हुए वार्षिक वेतन वृद्धि की जटिलताओं को दूर किया जाय ताकि समय पर वार्षिक वेतन वृद्धि में कोई परेशानी न हो। मानदेय भुगतान केंद्रांश एवं राज्यांश मद की राशि एक साथ ससमय हो तथा इसके भुगतान के लिए चक्रीय कोष की व्यवस्था हो। सेवनिवृति के बाद सेविका को दस लाख एवं सहायिका को पांच लाख एक मुश्त सेवनिवृति लाभ का भुगतान हो तथा अंतिम मानदेय का 50 प्रतिशत पेंशन के रूप में भुगतान की स्वीकृति प्रदान की जाय। हमें भी नियमित किया जाय, गुजारा भत्ता दिया जाय एवं अन्य सुविधाओं का लाभ दिया जाय।