Thursday, June 19, 2025

तो क्या अपने नाकामी पर पर्दा डाल रहा स्वास्थ्य विभाग???

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गढ़वा/ मझिआंव : बीते 27 जून की रात गढ़वा जिला के मझिआंव रेफरल अस्पताल में उपस्थित डॉक्टर राजू कुमार दास की घोर लापरवाही की वजह से एक पत्रकार के भाई की जान चली गई थी। इस मामले में अगले सुबह 28 जून को मृतक के परिजनों के द्वारा शव को दाह संस्कार से पहले दोषी चिकित्सक पर कानूनी कार्रवाई की मांग एवं मुआवजे की मांग की गई थी। जिसे अंचलाधिकारी शंभू राम, प्रखंड विकास पदाधिकारी सतीश भगत, चिकित्सा प्रभारी गोविंद सेठ एवम थाना प्रभारी आकाश कुमार के स्वीकार करने के बाद परिजनों के द्वारा शव का अंतिम संस्कार किया गया।

आश्वासन के आलोक में थाना प्रभारी आकाश कुमार ने परिजनों के आवेदन के आधार पर ड्यूटी पर मौजूद डॉक्टर राजू कुमार दास पर एफआईआर कर दिया।

परंतु एफआईआर होने के 2 दिन बीत जाने के बाद भी चिकित्सक की गिरफ्तारी नहीं होने से परिजनों एवं आम जनों में काफी आक्रोश है। उनका कहना है कि अगर अविलंब चिकित्सक की गिरफ्तारी नहीं होती है तो हम आगे विरोध प्रदर्शन और धरना करने पर बाध्य होंगे।

इस संबंध में मृतक के बड़े भाई अमित कुमार ने बताया कि थाना प्रभारी के आश्वासन के बाद हम लोगों ने शव का दास संस्कार कर दिया था परंतु 2 दिन बीतने के बावजूद अभी तक दोषी चिकित्सक की गिरफ्तारी नहीं हुई है इससे परिवार जनों के साथ-साथ आम जन भी काफी निराश है और आक्रोशित हैं। अगर अविलंब गिरफ्तारी नहीं होती है तो हम लोग धरना प्रदर्शन करने पर बाध्य होंगे।

क्या है मामला?

बीते 27 जून को देर शाम गहेड़ी निवासी पारस मेहता के दो पुत्र मनीष मेहता और राजा मेहता को सांप ने काट लिया था। जिसके बाद परिजनों द्वारा आनन फानन में उन्हें रेफरल अस्पताल मझिआंव लाया गया। वहां ड्यूटी पर तैनात डॉक्टर राजू कुमार दास के द्वारा राजा कुमार मेहता को बिना इलाज के जबकि मनीष मेहता को पर्ची बना कर टेटनस और डेक्सोना लगा कर उसे सदर अस्पताल भेज दिया गया। सदर अस्पताल गढ़वा ले जाने के क्रम में मनीष कुमार के शरीर में जहर फैल गया। जिससे गढ़वा पहुंचने के कुछ देर बाद उसकी मृत्यु हो गई।


आपको बता दें कि सांप काटने के बाद एंटी वेनम नामक एक इंजेक्शन मरीज को लगाया जाता है। जिस से मरीज़ के शरीर में ज़हर असर नही करता है।

सरकारी निर्देश के अनुसार हर सरकारी अस्पताल में इसका होना अनिवार्य है। जब इस संबंध में रेफरल अस्पताल के चिकत्सा प्रभारी गोविंद सेठ से बात की गई। तो उनके द्वारा बताया गया कि अस्पताल में एंटीवेनम इंजेक्शन उपलब्ध है। उपस्थित डॉक्टर के द्वारा यह क्यूं नही लगाया गया यह जांच का विषय है। यहां तक कि उन्होंने सिविल सर्जन गढ़वा को पत्राचार कर उपस्थिति चिकत्सक डॉक्टर राजू कुमार दास पर अग्रतर करवाई की बात भी कही।

वावजूद इसके जब परिजनों और ग्रामीणों को आक्रोशित देख कर स्थिति के अनुसार थाना प्रभारी आकाश कुमार के द्वारा जब ड्यूटी कर रहे चिकत्सक पर एफआईआर किया गया। तो इसका विरोध गढ़वा चिकित्सा विभाग कर रहा है। 30 जून को देर शाम हुए बैठक में गढ़वा चिकत्सा विभाग ने एफआईआर के विरोध में 1 जुलाई को डॉक्टर्स डे नही मनाने का निर्णय लिया है। जो स्वास्थ्य विभाग के द्वारा अपने नाकामी पर पर्दा डालने जैसा प्रतीत होता है।

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19 June 2025
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