श्री बंशीधर नगर (गढ़वा)। झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री और झामुमो के संस्थापक संरक्षक शिबू सोरेन के शीघ्र स्वास्थ्य लाभ की कामना को लेकर शनिवार को ऐतिहासिक श्री राधा-कृष्ण बंशीधर मंदिर परिसर में विशेष हवन, पूजन और सामूहिक आरती का आयोजन किया गया। यह आयोजन क्षेत्रीय विधायक अनंत प्रताप देव उर्फ छोटे राजा के नेतृत्व में किया गया, जिसमें भारी संख्या में पार्टी कार्यकर्ता, जनप्रतिनिधि और श्रद्धालु सम्मिलित हुए।
वैदिक मंत्रोच्चार से गूंजा मंदिर परिसर
मंदिर परिसर में वैदिक परंपरा के अनुरूप आचार्य श्रीकांत मिश्रा एवं आचार्य सत्यनारायण मिश्र ने मंत्रोच्चार के बीच अग्निहोत्र यज्ञ किया गया। श्रद्धालुओं ने सामूहिक आरती कर भगवान बंशीधर से गुरुजी के अच्छे स्वास्थ्य एवं दीर्घायु की प्रार्थना की। मौके पर वातावरण भक्तिमय और भावुक रहा।
गुरुजी केवल नेता नहीं, झारखंड की आत्मा हैं : विधायक
पूजन के बाद विधायक अनंत प्रताप देव ने कहा कि गुरुजी शिबू सोरेन केवल एक राजनेता नहीं, बल्कि झारखंड की आत्मा हैं। उन्होंने राज्य के निर्माण, अस्मिता और अधिकारों की रक्षा के लिए जो त्याग और संघर्ष किया, वह अद्वितीय है। उन्होंने कहा, आज जब उनका स्वास्थ्य चिंताजनक है, तो यह हम सभी झारखंडवासियों का दायित्व बनता है कि उनके शीघ्र स्वस्थ होने की कामना करें। बंशीधर भगवान के चरणों में हम सबने यही प्रार्थना की है कि गुरुजी जल्द स्वस्थ होकर राज्य को पुनः मार्गदर्शन दें। विधायक ने कहा कि यह केवल धार्मिक अनुष्ठान नहीं, बल्कि गुरुजी के प्रति हमारी श्रद्धा और झारखंड की जनता का सच्चा सम्मान है। उन्होंने सभी झामुमो कार्यकर्ताओं और राज्यवासियों से अपील की कि वे अपने-अपने स्तर पर गुरुजी के आरोग्य के लिए प्रार्थना करें।
सैकड़ों कार्यकर्ताओं की उपस्थिति
कार्यक्रम में श्री बंशीधर सूर्य मंदिर ट्रस्ट के प्रधान ट्रस्टी राजेश प्रताप देव, झामुमो जिला उपाध्यक्ष मुक्तेश्वर पांडेय, प्रखंड अध्यक्ष अमरनाथ पांडेय, कामता प्रसाद, पूर्व मुखिया सोहन उरांव, अजय प्रसाद, कामेश्वर प्रसाद, युवा नेता रजनीकांत मधुर उर्फ भोलू,निर्मल पासवान, देवेंद्र सिंह, कमलेश मेहता, किरण देवी, उषा देवी, मनोज पासवान, बसंत प्रसाद, श्यामसुंदर राम, गोपाल चंद्रवंशी, विमलेश पांडेय, संतोष पांडेय, अनिल कुमार गुप्ता सहित सैकड़ों कार्यकर्ता उपस्थित रहे।
गौरतलब है कि झारखंड आंदोलन के प्रणेता शिबू सोरेन वर्तमान में दिल्ली स्थित गंगाराम अस्पताल में इलाजरत हैं। उनकी तबीयत में लगातार उतार-चढ़ाव देखे जा रहे हैं, जिससे राज्यभर में उनके समर्थकों और शुभचिंतकों में चिंता का माहौल है। उन्होंने झारखंड को अलग राज्य बनाने की ऐतिहासिक लड़ाई लड़ी और आदिवासी समाज के उत्थान हेतु 19 सूत्री कार्यक्रमों के माध्यम से उल्लेखनीय कार्य किए हैं।