शुभम जायसवाल
श्री बंशीधर नगर (गढ़वा):– स्थानीय सरस्वती विद्या मंदिर में स्वामी विवेकानंद की 161वीं जयंती के अवसर पर शुक्रवार को भारतीय त्योहार दर्शन (भारत में सभी धर्म के होने वाले त्यौहार) का प्रदर्शित किया गया। साथ ही पूर्व छात्र सम्मेलन का भी आयोजन किया गया। कार्यक्रम का शुभारंभ क्षेत्रीय पूर्व छात्र संयोजक आलोक कुमार तिवारी, विद्यालय के अध्यक्ष जोखू प्रसाद, उपाध्यक्ष डॉ धर्मचंद लाल अग्रवाल, राजकुमार प्रसाद, सचिव रवि प्रकाश, पूर्व छात्र संयोजक चंदन कुमार आदि ने संयुक्त रूप से भारत माता, ओम, मां शारदे एवं विवेकानंद के चित्र के समक्ष दीप प्रज्वलित व पुष्प अर्पित कर किया।

तत्पश्चात मुख्य अतिथि सहित समिति एवं स्थानीय मंदिर के पुजारियों को अंग वस्त्र और रामचरितमानस का पुस्तक देकर सम्मानित किया गया। कला संगम धनबाद में झारखंड प्रांत में प्रथम स्थान प्राप्त करने वाली प्रांजल शुभा ने यहां उसी गीत का प्रस्तुतीकरण की। इसके बाद बच्चों द्वारा प्रदर्शित कार्यक्रम का अवलोकन किया गया।

कार्यक्रम में मुख्य रूप से भैया बहनों द्वारा भारत में होने वाले प्रमुख पर्व दीपावली, वट सावित्री, जितिया, करमा, छठ, दशहरा, होली,जन्माष्टमी,महाशिवरात्रि,मकर संक्रांति, तीज आदि का पर्व प्रशंसनीय रहा। विद्यालय के पूर्व छात्रों की ओर से आयोजित भारतीय त्योहार दर्शन कार्यक्रम में भैया बहनों ने भारत के सभी त्योहारों को प्रदर्शित कर वहां उपस्थित लोगों का मनमुग्ध कर दिया। वहीं अभिभावकों ने भी बच्चों की भूरी भूरी प्रशंसा की।

कार्यक्रम को संबोधित करते हुए मुख्य अतिथि आलोक कुमार तिवारी ने कहा कि पूर्व छात्र विद्यालय के हित एवं धरोहर होते हैं, विद्यालय विकास में पूर्व छात्रों की महत्वपूर्ण भूमिका होती है। युवा सम्राट स्वामी विवेकानंद की जयंती के अवसर पर भारतीय त्योहार दर्शन कार्यक्रम अभूतपूर्व रहा।
भारत का हर त्यौहार खुशी और एकता का प्रतीक है: रविकांत

प्रधानाचार्य रविकांत पाठक ने कार्यक्रम की महता पर प्रकाश डालते हुए कहा कि भारत में लोग अपने पारंपरिक व्रत त्यौहार के मूल तत्वों को भूलते जा रहे है। भारत का हर त्यौहार खुशी और एकता का प्रतीक है। जो विभिन्न जाति-धर्मो और संस्कृतियों के मनुष्यों को एक कर भारतीय होने का गर्व महसूस कराता है। प्रत्येक त्यौहार का अपना ही महत्व होता है, हर त्यौहार का एक महत्वपूर्ण संदेश देता है। इसका अर्थ मन शरीर और आत्मा को उजागर करना होता है। प्रत्येक वर्ष भारत में कई रंगीन त्योहारों एवं उत्सव का जश्न मनाया जाता है।

यहां के प्रत्येक त्यौहार के पीछे एक विशेष कहानी एक विशेष उद्देश्य छिपा होता है जो जीवन का संदेश देता है। उन्होंने कहा कि भारत में हिंदू, मुस्लिम, सिख, बौद्ध, जैन,ईसाई, एवं सिंधी, पारसी धर्मों के कई महत्वपूर्ण त्यौहार मनाया जाते हैं, जो भारत के धर्मनिरपेक्ष राष्ट्र होने का एहसास दिलाते हैं। श्री पाठक ने कहा कि विद्यालय के भैया बहनों ने जमीनी स्तर पर भारतीय त्योहार दर्शन की व्यवस्था अंगतुकों का मन मोह लिया।










