जीवन में जबतक हम तप, श्रम और त्याग को नहीं अपनायेंगे तब तक श्रेष्ठ जीवन की कल्पना नहीं हो सकती – रत्नेश जी
शुभम जायसवाल श्री बंशीधर नगर (गढ़वा):– पाल्हे-जतपुरा में चल रहे श्री लक्ष्मीनारायण महायज्ञ के अवसर पर श्रीमद्वाल्मीकीय रामायण की कथा करते हुये अयोध्या से पधारे जगद्गुरू रत्नेशप्रपन्नाचार्य जी ने कहा…