शुभम जयसवाल
श्री बंशीधर नगर(गढ़वा)।। झारखंड के गढ़वा जिला अंतर्गत श्री बंशीधर नगर अनुमंडल मुख्यालय से 2 किमी दूरी पर स्थित प्रसिद्ध राजा पहाड़ी शिव मंदिर सैलानियों के लिए आकर्षण का केंद्र है। राजा पहाड़ी शिव मंदिर की ख्याति पलामू प्रमंडल सहित सीमावर्ती उत्तर प्रदेश, बिहार, झारखंड और छत्तीसगढ़ के विभिन्न जिलों तक फैली हुई है। पहाड़ की लगभग 750 फीट ऊंची चोटी पर अवस्थित यह शिव मंदिर प्राकृतिक हटाओ से परिपूर्ण लोगों को बरबस अपनी ओर आकर्षित करता है। यह मंदिर श्रद्धालुओं की आस्था और विश्वास का केंद्र है। वैसे तो सालों भर यहां श्रद्धालु भक्तों की भीड़ दर्शन पूजन जलाभिषेक व रुद्राभिषेक के लिए आते रहते है, लेकिन श्रावण मास में बड़ी संख्या में श्रद्धालु विभिन्न राज्यों से आकर बाबा भोलेनाथ का पूजा अर्चना व जलाभिषेक करते हैं तथा अपनी मन्नतें मांगते हैं।
श्रद्धालुओं का भी मानना है कि राजा पहाड़ी शिव मंदिर पूजा श्रद्धा पूर्वक मांगी हुई हर मन्नते पूरी होती है। प्रत्येक सावन माह तक चलने वाली यह श्रावणी मेला में लाखों श्रद्धालु बाबा भोलेनाथ पर जल समर्पित करते हैं और मेले का आनंद लेते हैं। पहाड़ की चोटी पर अवस्थित यह शिव मंदिर का स्थल मनोरम है और प्राकृतिक सुंदरता अद्भुत है पहाड़ के चारों तरफ पेड़-पौधों की हरियाली ही हरियाली है। श्रद्धालुओं के लिए मंदिर जाने का बना पीसीसी पथ और उसके किनारे हरे भरे पौधे श्रद्धालुओं को सहसा अपनी और आकर्षित करती है जिसे लोग इस मनोरम दृश्य को अपने फोन के कैमरे में कैद करते हैं व सेल्फी लेकर भरपूर लुफ्त उठाते हैं।
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राजा पहाड़ी शिव मंदिर का इतिहास…
राजा पहाड़ी शिव मंदिर में भगवान शिव की प्रतिमा 750 फीट चोटी पर वर्ष 1917 ई० में भगवान रुद्र की स्थापना कर पूजा प्रारंभ किया गया था। 1980 ई० से इस मंदिर में प्रातः पूजन एवं संध्या आरती होते आ रहा है। इसके बाद से ही श्रद्धालुओं की भीड़ लगने से आस्था का केंद्र बनते गया और वर्ष 1988 ई० में मंदिर निर्माण समिति द्वारा राजा पहाड़ी शिव मंदिर का शिलान्यास वनांचल गुरु शंकराचार्य द्वारा मंदिर का कराया गया था। वही शिवलिंग का स्थापना कर पुराने व छोटे मंदिर की जगह विशाल मंदिर निर्माण के आधारशिला रखी गई इसके बाद वर्ष 2013 में नर्मदेश्वर शिवलिंग का स्थापना किया गया। जिसके बाद से ही झारखंड सहित अन्य राज्य में इस मंदिर को राजा पहाड़ी शिव मंदिर के नाम से जाना जाता है।
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