बसंत पंचमी को ऐतिहासिक श्री बंशीधर मंदिर का मनाया जाएगा 196वाँ स्थापना दिवस,जाने मंदिर का क्या है इतिहास

ख़बर को शेयर करें।

शुभम जायसवाल

श्री बंशीधर नगर (गढ़वा):– अनुमंडल मुख्यालय स्थित विश्व विख्यात श्री बंशीधर मंदिर की 196वाँ स्थापना दिवस बसंत पंचमी को बुधवार के दिन धूमधाम से मनाया जाएगा। अहले सुबह मंदिर में स्थापित भगवान श्री कृष्ण व माता राधिका का विद्वान पंडितों के द्वारा वैदिक मंत्रोच्चार के बीच विधिवत पूजा अर्चना की जाएगी। स्थापना दिवस के अवसर पर भगवान श्री कृष्ण के सभी नामों की जाप, दोपहर में भोग व संध्या में 56 प्रकार के भोग लगाए जाएंगे। प्रातः काल षोड्षोपचार पूजन एवं भव्य आरती किया जाएगा। इसकी तैयारी पूरी कर ली गई है।

बंशीधर सूर्य मंदिर ट्रस्ट के प्रधान ट्रस्टी राजेश प्रताप देव ने बताया कि स्थापना दिवस को लेकर मंदिर को आकर्षक तरीके से फूल मालाओं से सजाया जाएगा। बंशीधर मंदिर में सुबह से लेकर शाम तक श्रद्धालुओं की भीड़ लगी रहेगी। वैसे तो सालों भर श्रद्धालुओं की भीड़ मंदिर में पूजा अर्चना के लिए लगी रहती है, लेकिन बसंत पंचमी के दिन भगवान श्री राधा कृष्ण की स्थापना दिवस के कारण भगवान का दर्शन पूजन करने के लिए श्रद्धालुओं की अधिक भीड़ लगेगी।

स्थापना दिवस के झारखंड के विभिन्न जगहों के अलावे पड़ोसी राज्य उत्तर प्रदेश, छत्तीसगढ़ सहित कई राज्यों से श्रद्धालु भगवान के दर्शन के लिए आते हैं। उन्होंने बताया की स्थापना दिवस के मौके पर पूरे दिन भगवान का विधिवत पूजा अर्चना किया जाएगा। वही संध्या 7:00 बजे भगवान का 56 प्रकार के भोग एवं श्रद्धालुओं के बीच प्रसाद वितरण किया जाएगा।

क्या है बंशीधर मंदिर का इतिहास, बसंत पंचमी को क्यों मनाते हैं स्थापना दिवस

तिहासिक श्री बंशीधर मंदिर की स्थापना संवद् 1885 में बसंत पंचमी के दिन 8 फरवरी 1829 ई0 में नगर गढ़ परिवार की राजमाता शिवमणि देवी द्वारा कराई गई थी। श्री बंशीधर मंदिर के इतिहास के अनुसार तत्कालीन राजमाता शिवमणि देवी राज सहासन पर आसिन थी। शिवमणि देवी भगवान श्री कृष्ण की अनन्य भक्त थीं।

कृष्ण जन्माष्टमी को राजमाता व्रत रख भगवान की भक्ति में लीन थीं। रात में नींद लगने पर आधी रात को भगवान श्री कृष्ण राजमाता के स्वप्न में आए और उनसे वर मांगने को कहा। इस पर राजमाता ने भगवान श्री कृष्ण को अपनी नगरी में आने का वर मांगीं। राजमाता की प्रार्थना पर भगवान राजी हुए और उन्होंने अपने को एक पहाड़ी में दबे होने की जानकारी राजमाता को देकर अपनी नगरी में लाकर स्थापित करने की अनुमति दी।

अहले सुबह स्वप्न में भगवान से हुई वार्ता के अनुसार राजमाता पूरे लाव लश्कर के साथ उस स्थान के लिए निकल पड़ी, जहां भगवान पहाड़ी में दबे हुए थे। सीमावर्ती सोनभद्र के शिवपहरी नामक पहाड़ी पर पहुंच राजमाता ने स्वयं फावड़ा चला कर खुदाई कार्य का शुभारंभ किया। खुदाई में भगवान श्री कृष्ण की वही मनमोहक प्रतिमा मिली जिसे राज माता ने स्वप्न में देखा था। पूजन-अर्चन व शंखनाद के साथ भगवान की प्रतिमा लाई गई।

राजमाता भगवान की प्रतिमा को अपने गढ़ के भीतर ले जाना चाह रही थी। पर ¨सह द्वार के पास प्रतिमा ला रहा हाथी जो बैठा तो उठा नहीं। भगवान की इच्छा जान वहीं पर प्रतिमा रख पूजन अर्चन शुरू हुआ। इसके बाद बसंत पंचमी के दिन 8 फरवरी 1829 ई0 में मंदिर का निर्माण कर भगवान श्री कृष्ण व वाराणसी से मंगा कर मां राधिका की तस्वीर मंदिर में स्थापित की गई।

Video thumbnail
पहले से बाघ के खौफ में शहर वासी अब तीन हाथियों की एंट्री दहशत में लोग! वन विभाग पर लापरवाही का आरोप
02:43
Video thumbnail
नगर ऊंटारी: सुन लीजिए साहब..! विधायक और जनता के विरोध से झुका रेल प्रशासन,फाटक बंद करने का फैसला टला
04:01
Video thumbnail
गढ़वा पुलिस की बड़ी कामयाबी: रंका आभूषण लूट का खुलासा, पीड़ित के पुत्र का दोस्त ही निकला मास्टरमाइंड
03:26
Video thumbnail
नगर उंटारी में रेलवे फाटक बंद करने के फैसले पर विवाद, झामुमो ने दी आंदोलन की चेतावनी..!
03:21
Video thumbnail
भूपेंद्र सुपर मार्केट के नए मॉल का होगा उद्घाटन, गायक अरविंद अकेला 'कल्लू' करेंगे रंगारंग प्रस्तुति
04:45
Video thumbnail
नगर ऊंटारी में रेलवे क्रॉसिंग बंद करने पर बवाल, झामुमो नेता ने दी उग्र आंदोलन की चेतावनी!
01:51
Video thumbnail
बजट पर बोले।खाता न बही झामुमो और कांग्रेस जो बोले वह सही!
06:03
Video thumbnail
251 कन्याओं के सामूहिक विवाह के लिए विकास माली का भिक्षाटन यात्रा, सेवा और समर्पण की अद्भुत मिसाल।
02:19
Video thumbnail
दानरो घाट पर बंधेगा 251 कन्याओं का पवित्र बंधन, समाज सेवा की नई मिसाल!
03:15
Video thumbnail
भाजपा प्रदेश अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी ने बजट को बताया ऐतिहासिक; विकसित भारत की दिशा में बेहतर कदम
07:23
spot_img
spot_imgspot_imgspot_imgspot_img

Related Articles

- Advertisement -

Latest Articles